दुर्ग। ग्राम पीपरछेड़ी में रेत के बेतरतीब खनन से शिवनाथ नदी का पानी दूषित होने के साथ ही नदी के बहाव में अंतर आ रहा है। खनन के लिए पर्यावरण स्वीकृति सहित शासन की अन्य गाइड लाइन का भी उल्लंघन किया जा रहा है।
जिला व ग्रामीण युवक कांग्रेसियों ने नियमों की अनदेखी कर किए जा रहे रेत खनन पर रोक लगाने व जनहित को ध्यान में रखते हुए उक्त खदान को तत्काल बंद किए जाने की मांग को लेकर शुक्रवार को कलेक्टोरेट परिसर में धरना पर बैठ गए। इस दौरान पुलिस से उनकी कहा-सुनी भी हुई।
बाद में अफसरों ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया। कांग्रेसियों ने कहा है कि यदि दो दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो वे भिलाई-तीन स्थित सीएम निवास पहुंचकर अपनी बात रखेंगे। इसके अलावा जल सत्याग्रह भी करेंगे।
जिला युवा कांग्रेस के सचिव अशोक मिश्रा,ग्रामीण युवा कांग्रेस के धर्मेंद्र देशमुख,ग्राम पीपरछेड़ी के मनीष निषाद सहित कांग्रेस के अन्य कार्यकर्ता व ग्रामीण कलेक्टोरेट पहुंचे और धरना पर बैठ गए। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि ग्राम पीपरछेड़ी में स्वीकृत रेत खदान में खनन के लिए जारी गाइड लाइन का पालन नहीं किया जा रहा है।
यहां पोकलैंड मशीन लगाकर खनन किया जा रहा है, जबकि नियमानुसार मेनुवली खोदाई करना है। पर्यावरण स्वीकृति के तहत 25 सौ पौधे लगाए जाने का निर्देश है लेकिन स्वीकृति के आठ महीने बाद भी पौधे नहीं लगाया गया है। नियम के तहत रेत उत्खनन का कार्य पानी के सतह से नीचे नहीं किया जाना है लेकिन ठेकेदार द्वारा मशीन लगाकर पानी के अंदर से रेत निकाला जा रहा है।
रेत परिवहन के लिए भारी वाहनों के गुजरने से ग्रामीणों के जान-माल का भी खतरा बना हुआ है। धरना पर बैठे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने संरक्षित क्षेत्र से हटने कहा नहीं हटने पर धारा 144 के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी गई। इससे प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसी नाराज हो गए।
बाद में अफसरों ने आकर मामले को संभाला। सचिव अशोक मिश्रा ने बताया कि इस मामले में अधिकारियों ने वस्तु स्थिति की जानकारी लेने के बाद दो दिन में कार्रवाई की बात कही है। यदि दो दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो वे सीएम निवास जाएंगे। रेत खनन पर रोक नहीं लगाने की सूरत में कांग्रेसियों ने खनन क्षेत्र में जाकर जल सत्याग्रह करने की भी चेतावनी दी है।