दुर्ग। जिले में करीब सप्ताह भर से अच्छी बारिश नहीं हो रही है। अवर्षा की स्थिति निर्मित होने की वजह से खेती को लेकर किसानों की चिंता बढ़ गई है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर तांदुला जलाशय से पानी छोड़ा गया है। लेकिन यह पानी धमधा क्षेत्र में नहीं पहुंच रहा है। जबकि धमधा क्षेत्र में वर्षा की स्थिति अच्छी नहीं है। यहां के किसान भी खेती के लिए पानी की मांग कर रहे हैं।
जिले में पिछले कुछ दिनों से ठीक-ठाक बारिश नहीं हो रही है। आसमान पर बादल छा रहे हैं लेकिन कहीं बूंदा-बांदी तो कहीं हल्की बारिश हो रही है। अब तक जिले में अब तक औसत 506.8 मिमी बारिश हुई है। जिसमें दुर्ग ब्लाक में सर्वाधिक 594.3 मिमी और पाटन ब्लाक में 579.2 मिमी बारिश हुई है। वहीं धमधा ब्लाक में सबसे कम 347 मिमी बारिश हुई है। वैसे भी धमधा ड्राइ जोन है।
बोड़ेगांव के किसान रविप्रकाश ताम्रकार,दिनेश ताम्रकार,अशोक महाराज,हितेश चौहान ने बताया कि पानी कम होने की वजह से धान फसल को नुकसान पहुंचने का आशंका बनी हुई है। पिछले कुछ दिनों से अवर्षा की स्थिति निर्मित होने के बाद खेत फटने लगे हैं।
खरपरतार नष्ट करने किसान निंदा नाशक दवा डाल जा रहे हैं तो पानी की कमी की वजह से काम नहीं कर रहा है। किसान रविप्रकाश ताम्रकार ने बताया कि क्षेत्र के डोंगरिया नाला सहित अन्य डायवर्सन से पानी छोड़ने की मांग की जा रही है।
तांदुला से आ रहा 1100 क्यूसेक पानी
धान की फसल बचाने बालोद जिला के तांदुला जलाशय से पानी छोड़ा गया है। पाटन ब्लाक के किसानों ने पानी छोड़ने की मांग मुख्यमंत्री से की थी। जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता सुरेश पांडेय ने बताया कि वर्तमान में तांदुला जलाशय से 1100 क्यूसेक पानी आ रहा है।
पहले इसकी मात्रा 700 क्यूसेक थी जिसे शनिवार को बढ़ा दिया गया है। उन्होंने बताया कि जिले के अन्य क्षेत्रों में भी किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विभिन्ना डायवर्सनों से पानी देने कहा गया है।
कम बारिश का असर तापमान पर भी देखने को मिल रहा है। शनिवार को दुर्ग का अधिकतम तापमान 31.6 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 24.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। हालाकि शनिवार को दुर्ग,भिलाई सहित जिले के कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हुई है।
--