नईदुनिया प्रतिनिधि, दुर्ग। ऑनलाइन भुइंया एप के माध्यम से 305.866 हेक्टेयर शासकीय और निजी भूमि का बंदरबांट करने का मामला सामने आया है। मामले में संलिप्तता पाए जाने के बाद दो पटवारियों को निलंबित करने के साथ ही 18 पटवारियों का तबादला कर दिया गया है। वहीं प्रशासन का दावा है कि सारे रिकॉर्ड में सुधार कर लिया गया है। यह पूरा मामला दुर्ग जिले के ग्राम मुरमुंदा, अछोटी, चेटुवा और बोरसी गांव का है।
पटवारियों का लॉग इन आईडी का उपयोग कर सरकारी और निजी भूमि का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया गया। जिस जमीन के रिकॉर्ड में हेरा-फेरी की गई है, वह शासकीय व निजी जमीन है। दुर्ग संभागायुक्त एसएन राठौर ने बताया कि आइडी हैक के मामले में एनआईसी से रिपोर्ट मांगी गई है।
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि पाटन के पटवारी मनोज नायक और अहिवारा में पदस्थ पटवारी कृष्ण कुमार सिन्हा की आईडी के जरिए जमीन रिकॉर्ड से छेड़छाड़ की गई है। इसके बाद दोनों पटवारियों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं 18 पटवारियों का तबादला कर दिया गया है। दुर्ग संभागायुक्त ने बताया कि राजस्व विभाग द्वारा रिपोर्ट मिलने के बाद सारे रिकॉर्ड को सुधार लिया गया है। मामले में एफआईआर भी कराया जाएगा।
संभागायुक्त एसएन राठौर ने बताया कि हेराफेरी के इस मामले में फर्जी ऋण पुस्तिका के माध्यम से बैंक से लोन भी पास करा लिया गया है। इसमें दो लोगों की पहचान हुई है। अन्य लोग जिनके नाम पर भूमि दर्ज की गई थी, उनकी जानकारी नहीं मिली है।
हेराफेरी के इस मामले में ग्राम मुरामुंदा में 75 हेक्टेयर शासकीय और 22 हेक्टेयर निजी जमीन, अछोटी में शासकीय 45.304 हेक्टेयर और 27.087 निजी जमीन, चेटवा में शासकीय 87.524 हेक्टेयर जमीन और बोरसी में 47.742 हेक्टेयर निजी जमीनों को दूसरे के नाम कर गड़बड़ी की गई है।