दुर्ग। जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में सोमवार से वजन त्योहार शुरू हो गया। 13 अगस्त तक चलने वाले त्यौहार के दौरान 0 से 6 वर्ष के बच्चों की पोषण की स्थिति जांची जाएगी। इस अवधि में जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में उक्त आयु वर्ग के करीब एक लाख बच्चों का वजन लिया जाएगा।
कोरोना से बचाव के लिए शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए जिले के 1502 आंगनबाड़ी केंद्रों में क्लस्टरवार निर्धारित तिथि को वजन त्यौहार का आयोजन किया जावेगा। इस हेतु संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में दर्ज 0-6 वर्ष के समस्त बच्चों के अभिभावकों को आमंत्रण पत्र प्रेषित किए जा रहे हैं जिसमें आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों का वजन लिए जाने की तिथि तथा समय का स्पष्ट उल्लेख किया जाएगा। वजन त्योहार के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग का समस्त अमला यथा पर्यवेक्षक तथा परियोजना अधिकारी अपने-अपने निर्धारित क्षेत्र में निरंतर भ्रमण करते हुए वजन त्यौहार का निरीक्षण करेंगे। वजन लेने के उपरांत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा उसकी आनलाइन एंट्री वजन त्यौहार साफ्टवेयर में की जाएगी। बच्चों के पोषण स्तर की जानकारी संबंधित बच्चों के पालकों को उनके मोबाइल नंबर पर भी प्राप्त होगी।
आधार के साथ लिंक होगा वोटर आईडी
आधार नंबर के साथ वोटर आईडी को लिंक किया जाएगा। इस संबंध में निर्वाचन आयोग द्वारा दिशा निर्देश जारी किया गया है। यह अभियान एक अगस्त से प्रारंभ हो गया है। आधार नंबर एकत्रित करने हेतु विशेष शिविर भी आयोजित किया जाएगा। आधार संख्या एकत्र करना मतदाताओं की ओर से स्वैच्छिक है। फार्म वेबसाइट ईसीआइ डाट जीओनी डाट इन पर उपलब्ध है।
अपर कलेक्टर अरविंद एक्का ने पत्रकार वार्ता में उक्ताशय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आधार नंबर से वोटर आईडी लिंक किए जाने पर मतदाता सूची व्यवस्थित बनेगी। जिन मतदाताओं के नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज है आधार लिंक होने पर वह भी पकड़ में आ जाएगा। अपर कलेक्टर ने बताया कि मतदाता सूची में नाम शामिल किए जाने एक जनवरी के स्थान पर चार अर्हता तिथि तय की गई है। जिसके मुताबिक नए मतदाता एक जनवरी, एक अप्रैल,एक जुलाई और एक अक्टूबर को भी 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर नाम जुड़वाने आवेदन कर सकता है। मतदाता सूची में नाम शामिल करने हेतु प्रारूप छह में संशोधन किया गया है। प्रारूप छह में नए निर्वाचकों का पंजीयन होगा। पुराने प्रारूप से हटा दिया गया है जिसके माध्यम से निर्वाचक दूसरे निर्वाचन क्षेत्र में स्थानांतरण हेतु आवेदन करते थे। अनाथ, अपने विधिक संरक्षक का तथा तृतीय लिंग व्यक्ति अपने गुरू का नाम रिश्तेदार के रूप में दे सकते हैं।