छुरा। नईदुनिया न्यूज
समग्र शिक्षा योजना के तहत खेल गढ़िया योजना के तहत खेलों के प्रोत्साहन के लिए प्राथमिक शाला को तीन व माध्यमिक शाला को पांच हजार रुपये की राशि प्रदान की गई है। जिससे खेल सामग्री का क्रय किया जा सके।
इसके लिए शासन ने विभिन्ना प्रकार के दिशा निर्देश भी जारी किया गया है जिसमें स्पष्ट रूप से निर्देश है कि खेल सामग्री क्रय करने के पूर्व शाला प्रबंधन समिति की बैठक करना आवश्यक है और उसमें क्रय समिति का गठन करना है जिसने अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष आदि होंगे। जिनके समिति के प्रस्ताव के अनुसार खेल सामान की खरीदी की जानी है। स्कूलों जाकर देखने पर यह पता चलता है कि कहीं पर भी समिति का न गठन हुआ है और न ही शाला प्रबंधन समिति की बैठक हुई है। स्कूल के प्रधान पाठक दुकानदार के हिसाब से खेल सामग्री ले आए हैं। प्रधान पाठक से चर्चा करने पर उनका उद्देश्य खेल सामान की खरीद नहीं बल्कि शासन द्वारा दी हुई राशि खर्चा करना है। प्राथमिक शाला व माध्यमिक शालाओं में कई जगहों पर मैदान का अभाव है उसके बावजूद स्कूलों में आउटडोर गेम बास्केटबॉल, फुटबॉल, वॉलीबाल, क्रिकेट किट बिल बढ़ाने के लिए दे दिया गया है जबकि बच्चों की उम्र व शारीरिक मापदंड के हिसाब से उन्हें इनडोर गेम की आवश्यकता है। मुख्यालय के बड़े स्कूलों में फुटबॉल, बास्केटबॉल पोल नहीं है जबकि गांव के स्कूलों में दुकानदारों ने बास्केटबॉल और फुटबॉल दिया है। प्रधान पाठक का कहना है कि दुकानदार ने सामान दिया है वही ले लिया है। चर्चा करने पर कइयों ने कहा कि आप कहेंगे तो यह सामान वापस कर देंगे। बैडमिंटन एक जोड़ी प्रदान की गई है इससे पता चलता है कि उद्देश्य राशि का खर्चा करना ज्यादा लग रहा है।
स्थानीय स्तर पर खरीदने कहा था
विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्याम चंद्राकर ने कहा कि उन्होंने शिक्षकों की बैठक लेकर स्पष्ट रूप से कहा है कि खरीदी स्थानीय स्तर पर हो और शाला प्रबंधन समिति की बैठक कर क्रय समिति का गठन करें। साथ ही इंडोर गेम को ज्यादा रखें क्योंकि माध्यमिक स्कूलों तक बच्चे ज्यादा बड़े नहीं होते। आउटडोर गेम के लिए बहुत सारी अन्य सामग्री की भी आवश्यकता होती है। शासन द्वारा स्पष्ट इन खेलों के अलावा स्थानीय स्तर पर भंवरा, गिल्ली, डंडा आदि जैसी चीजों को भी प्रोत्साहन दे वह स्थानीय कारीगरों से इन सामानों का भी क्रय करें किंतु स्कूलों में जाने पर पता चलता है कि शासन द्वारा जारी राशि का पूरा खर्च दुकान में कर दिया गया है।