मैनपुर (नईदुनिया न्यूज)। आदिवासी विकासखंड मैनपुर अंतर्गत राष्ट्रीय राज्यमार्ग 130 पर बसा सुदूर आदिवासी ग्राम तौरेंगा के ग्रामीणों के लिए गांव में बिजली लगते देखना एक कोरा सपना बनकररह गया है। गांव के बीचों-बीच से देवभोग के लिए विद्युत तार गया है लेकिन विभागीय अड़चन के कारण आज तक गांव में बिजली का तार नहीं खींचा गया। स्थानीय ग्रामीणों ने गांव में बिजली लगाने को लेकर शासन-प्रशासन से कई बार मांग की लेकिन अभी तक संतोषप्रद पहल नहीं किए जाने से ग्रामीण अपेक्षारत बिजली लगने का बाट जोहते हताश बैठे हैं।
राचापड़ाव क्षेत्र के गांवों में है बिजली
तौरेंगा ग्राम उदंती वन मंडल के बफर जोन गांव में शामिल है। और बफर जोन के ही राजापड़ाव क्षेत्र के गांव में बिजली विभाग द्वारा विद्युतीकरण किया गया है। गांव में रोशनी की व्यवस्था को लेकर क्रेडा विभाग द्वारा सौर ऊर्जा से जलने वाली लाइट उपकरण तो है लेकिन वो भी इन दिनों अपना जवाब दे रही है। दशकों से शासन प्रशासन से मांग कर रहे लेकिन संतोषप्रद जवाब नहीं मिल रहा है।
बारिश के समय नहीं काम करते सौर उर्जा उपकरण
गांव के प्रमुख मुखिया चमार सिंह झांकर, मनबोध कश्यप, सोपसिंह नागेश, केशुर चिण्डा, खिरधर कश्यप, नंदेश्वर यादव, सुरती राम यादव आदि ग्रामीणों का कहना है, कि गांव में बिजली लगाने को लेकर कई बार विधायक, सांसद और कलेक्टर तक आवेदन कर चुके हैं। लेकिन अभी तक शासन प्रशासन द्वारा संतोषप्रद जवाब तक नहीं मिल पाया है। और न ही हमारी मांगों पर अमल किया जा सका है। गांव में सौर ऊर्जा से जलने वाली लाइट उपकरण है। लेकिन इन दिनों बरसात के समय रात में ठीक से नहीं जलता है।
तौरेंगा की तस्वीर बदली न तकदीर
युवा संघर्ष मोर्चा गरियाबंद जिलाध्यक्ष युमेन्द्र कश्यप ने इस संबंध में कहा कि, पिछले कई वर्षों से ग्रामीणों द्वारा गांव में बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं की मांग की जा रही है लेकिन विभागीय अड़चने व उदासीनता के कारण यहां के ग्रामीणों के लिए बिजली सपना बनके रह गया है। गांव के बीच से होकर बिजली का तार देवभोग तक गया है। लेकिन तौरेंगा में अब तक बिजली लगाने को लेकर शासन द्वारा कोई ठोस पहल नहीं कर पाया है। जिसके कारण तौरेंगा गांव की तस्वीर बदली न तकदीर। स्थानीय क्षेत्र के जनप्रतिनिधि व शासन के जिम्मेदार अधिकारियों को इस ओर ध्यान देते हुए बुनियादी सुविधा के रुप में गाँव में बिजली लगाने की उचित पहल किया जाना चाहिए।