सुयश सोनी/फिंगेश्वर
कृषि संबंधी समसामयिक जानकारी, फसल में लगने वाले रोग कीट की रोकथाम और उन्नात तकनीक की जानकारी से भरे देसी ब्लॉग 'कृषक कनेक्शन' को सोशल मीडिया के माध्यम से देश-विदेश में एक लाख से ज्यादा लोगों ने पढ़ा और लाभ उठाया। दरअसल, किसानों को हर जानकारी जुटाकर उन्नात पैदावार कराने के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने सोशल मीडिया पर एक देसी ब्लॉग 'कृषक कनेक्शन' बनाया है। कृषि वैज्ञानिकों की टीम में कृषि विभाग फिंगेश्वर के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी हरिशंकर सुमेर भी शामिल हैं। आज भारत सहित विदेश के कृषक, विशेषज्ञ व अन्य लाभार्थी इस मंच से प्रसारित किए गए तकनीकों की जानकारी को उपयोग में ला रहे हैं।
दरअसल, कोविड-19 महामारी संक्रमण के दौरान जनता कर्फ्यू देश में लग चुका था और आगे लॉकडाउन की शुरुआत होने वाली थी। ऐसे में कृषि विभाग में कार्यरत ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी हरिशंकर सुमेर ने किसानों के बारे में सोचा कि अगर ऐसी ही स्थिति बनी रही तो किसानों का क्या होगा। खाद-बीज में अगर कालाबाजारी शुरू हो गई तो कृषकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। आज कृषककनेक्शन को देश ही नहीं, विदेशों में भी हजारों की संख्या में पढ़ा जा रहा है। पहले इस ब्लॉगको केवल छत्तीसगढ़ में ही पढ़ा जाता था परंतु जब से अनुभवी कृषि वैज्ञानिकों के लेख इस ब्लॉग में प्रकाशित होने लगे तब से विदेशों में इस ब्लॉग को पढ़ने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है और सात समंदर पार भी रूस, चीन, इंडोनेशिया, सिंगापुर, जापान, ब्राजील, जर्मनी सहित यूनिइडेड स्टेट में इस ब्लॉग को पढ़ने वालों की संख्या एक लाख से ज्यादा पहुंच चुकी है।
भारत में एक लाख तो यूनाइटेड स्टेट में 1.25 हजार लोगों ने देखा
हर छोटे-बड़े तकनीक से रासायनिक व जैविक खेती की जानकारी साझा करने वाले इस मंच को भारत में एक लाख, चीन में 4.2 हजार, रेजियन में 2.96 हजार, यूनाइटेड स्टेट में 1.25 हजार, इंडोनेशिया में 332 जैसे कुल 22 से भी अधिक देशों के लोगों ने तकनीक की जानकारियों को सोशल मीडिया में देखा है।
तीन माह से दे रहा जानकारी
यह ब्लॉगकृषकों को कृषि संबंधी समसामयिक जानकारी, फसल में लगने वाले रोग-कीट की रोकथाम व उन्नात तकनीक की जानकारी पिछले तीन माह से प्रतिदिन उपलब्ध करा रहा है। वहीं किसानों को कोरोना काल में आत्मनिर्भर बनाने की प्रेरणा मिल रही है। यह ब्लॉगकृषकों में काफी लोकप्रिय हो रहा है।
किसान सीख रहे जैविक खाद, कीटनाशक बनाना
इस ब्लॉग से किसान घर पर ही जैविक खाद, कीटनाशक बनाना, बीजोपचार के बारे में सीख रहे हैं। जिसके लिए विशेष सहयोग कृषि वैज्ञानिकों का मिल रहा है। इस ब्लॉग के जरिए डॉ. रजेंद्र चंद्राकर वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर, डॉ. संकेत ठाकुर पीएचडी लंदन, कृषि विज्ञान केंद्र कोरिया के वैज्ञानिक विजय अनंत, कृषि विज्ञान केंद्र गरियाबंद के वैज्ञानिक तुषार मिश्रा व इंदिरा गांधी कृषि विवि के छात्रों के उपयोगी लेखों को कृषकों तक निरंतर पहुंचाया जा रहा है। बहुत से पोस्ट किसान समाधान, टाटा ट्रस्ट (जीवन जीविका आंदोलन), स्वदेशी खेती, ताराचंद बेलजी (गुरुजी) संस्थापक जैविक जीवन शैली विज्ञान) की प्रेरणा में फोटोग्राफ के साथ उपलब्ध कराया गया है जिससे कृषकों को देखकर समझने में काफी आसानी होती है।
किसानों को घर बैठे दे रहे सलाहः डॉ. चंद्राकर
डॉ. गजेंद्र चंद्राकर ने बताया कि आज सामयिक मांग है कि सभी क्षेत्रों में टेक्नॉलाजी का इस्तेमाल किया जाए, चाहे व जानकारी के लिए हो या कार्य करने के लिए। पूरा विश्व कोरोना महामारी की चपेट में है और लोग घरों में बैठे हैं। अभी किसानों के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण समय है। छोटी-छोटी समस्याओं के लिए कोरोना के चलते सभी किसान सोशल मीडिया के माध्यम से हमारे पास अपनी बात रख रहे हैं जिसका निचोड़ सारे वैज्ञानिकों द्वारा लगातार तीन माह से दिया जा रहा है। इसका अच्छा रिस्पांस भी मिला। अब तक सात देशों के 1 लाख 3 हजार से ज्यादा किसानों ने इसे पढ़ा और लाभ उठाया है।