
छुरा। नगर के निजी कचना ध्रुवा महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के स्वयं सेवकों ने राष्ट्रीय सेवा योजना का स्थापना दिवस मनाया। जिसमें विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम अधिकारी लेख राम कूर्रे ने रासेयो के बारे में बताया कि 24 सितंबर, 1969 को राष्ट्रीय सेवा योजना की स्थापना की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों के व्यक्तित्व और चरित्र के विकास के साथ-साथ राष्ट्र सेवा के लिए उन्हें जागरूक करना है। इस संगठन की स्थापना की बात आजादी पूर्व से दिवगंत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समय से चल रही थी, जिसे अंतिम रूप सन 1969 में दिया गया। उन्होंने बताया कि आजादी के समय गांधी ने युवाओं को राष्ट्रीय सेवा से जोड़ने पर विशेष बल दिया था। आजादी के बाद एस राधाकृष्णन की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने शैक्षिक संस्थानों में स्वैच्छिक राष्ट्रीय सेवा शुरू करने की सिफारिश की थी। इस पर केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (सीएबीई) ने जनवरी 1950 में अपनी बैठक में विचार किया। इस क्षेत्र में अन्य देशों के विचारों और अनुभवों की जांच करने के बाद, बोर्ड ने सिफारिश की कि छात्रों और शिक्षकों को स्वैच्छिक शारीरिक कार्य के लिए समय देना चाहिए। जिसके बाद 1952 में सरकार द्वारा अपनाई गई प्रथम पंचवर्षीय योजना के मसौदे में भारतीय छात्रों द्वारा एक वर्ष के लिए सामाजिक और श्रम सेवा की आवश्यकता पर बल दिया। वहीं 1958 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इस विषय में संज्ञान लिया और शिक्षा मंत्रालय को शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रीय सेवा शुरू करने के लिए उपयुक्त योजना तैयार करने का निर्देश दिया। जिसके बाद 28 अगस्त, 1959 को एक राष्ट्रीय सेवा समिति की स्थापना की गई। वहीं 24 सितंबर 1969 को 37 विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम की शुरुआत हुई। महाविद्यालय के प्राचार्य डीके साहू ने रासेयो स्वयं सेवकों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि शिक्षा के माध्यम से सेवा व सेवा के माध्यम से शिक्षा ग्रहण करते हुए व्यक्तित्व विकास कर राष्ट्र के ऊंचे से ऊंचे पदों पर जाकर आप अपने परिवार, क्षेत्र व महाविद्यालय का नाम रोशन कर सकते हैं। महाविद्यालय के प्राध्यापक तरुण निर्मलकर, निर्मला यादव ने भी कार्यक्रम में स्वयंसेवकों को संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन विनोद यादव ने किया। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर फिट इंडिया के तहत सामूहिक दौड़ किया गया। जिसमें छात्र- छात्रों ने हिस्सा लिया।