गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद नेशनल हाईवे 130 सी पर ग्राम पोंड के पास गुरुवार की सुबह दो सवारी बसों के आमने-सामने टकराने की वजह से एक बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे में 20 से अधिक यात्री घायल हो गए। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन और चिकित्सा कर्मियों मौके पर पहुंचे और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा।
बस क्रमांक सीजी 04 ई 1439 के कंडेक्टर टिकेश्वर चंद्राकर ने बताया कि गुरुवार की सुबह लगभग 9:45 बजे के करीब नेशनल हाईवे 130 सी पर बस क्रमांक सी जी 10 सी 0916 जो कि राजिम से गरियाबंद की ओर आ रही थी। पोंड के पास स्थित मोड़ पर दो पहिया सवार वाहन चालक को बचाने के चलते गरियाबंद से रायपुर जा रही हमारी बस क्रमांक सी जी 10 सी 0916 को सामने से टक्कर मार दी। जिसके बाद मौके पर चीख पुकार मच गई।दुर्घटना स्थल गांव से नजदीक होने और नेशनल हाईवे के चलते तत्काल राहगीरों ने घायलों को बस से निकलना शुरू किया। घटना की जानकारी पुलिस प्रशासन लगते ही मौके पर पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य कर्मी भी मौके पर पहुंचकर घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजने लगे।
चूंकि घटना के वक्त दोनों ही बसों में स्कूली छात्र-छात्राएं सवार थे इसलिए यात्रियों की संख्या लगभग 60 से 70 के आसपास थी। इसमें से 20 से 25 लोग घायल हुए। उसमें से चार लोगों की हालत चिंताजनक बताई जा रही है। बस क्रमांक 0916 के ड्राइवर की हालत चिंता जनक बनी हुई है। घटना के बाद तत्काल इलाज के लिए कुछ घायलों को पांडुका उप स्वास्थ्य केंद्र, ज्यादा गंभीर घायलों को राजिम और गरियाबंद रेफर किया गया। जिन चार लोगों की स्थिति ज्यादा खराब थी, उन्हें रायपुर रेफर किया गया है। घटना की जानकारी लगते ही मौके पर पहुंचे एडिशनल एसपी डीसी पटेल, एसडीओपी पुष्पेंद्र नायक, यातायात प्रभारी अजय सिंह ने पुलिस जवानों की मदद से घायलों को जल्द से जल्द इलाज के लिए अस्पताल भिजवाया एवं नेशनल हाईवे पर टक्कर के बाद खड़ी दोनों बसों को वहां से हटवाया और आवागमन शुरू करवाया।
दुर्घटना में गरियाबंद आरटीओ विभाग की लापरवाही भी आई सामने
दुर्घटना के समय दोनों ही बसों में उनकी यात्री क्षमता से अधिक सवारियां बैठी हुई थी। हालांकि इस दुर्घटना में कोई बड़ा जान माल का नुकसान नहीं हुआ। लेकिन क्षमता से अधिक यात्री होने के चलते 20 से 25 लोग घायल हुए हैं। आरटीओ विभाग की अनदेखी के चलते रायपुर से देवभोग मार्ग पर कई बसें और मिनी बसें क्षमता से अधिक सवारियां लेकर रोजाना ही आना-जाना करती हैं। साथ ही कई बसों का परमिट और इंश्योरेंस तक नहीं है । उसके बावजूद आरटीओ विभाग के संरक्षण में कई बसें धडल्ले से नेशनल हाइवे में राजधानी से देवभोग तक दौड़ती है और विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।