फिंगेश्वर। कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे चुकी है। चार दिन पहले ही क्षेत्र में धारा 144 भी लागू हो गई है। लोगों को लगने लगा है कि इस बार भी लाकडाउन लगेगा, ऐसे में संभावित आपदा को अवसर में बदलने का खेल जमाखोर व मुनाफाखोरों ने अभी से शुरू कर दिया है।
जिला के साथ फिंगेश्वर में कोरोना का कोई मामला रफ्तार नहीं पकड़ा है लेकिन मुनाफाखोरों ने सामाग्रियों के मनमाने दाम बढ़ा दिए हैं। पिछले दो वर्षों से कोरोना के बाद लाकडाउन के समय जिस सामान ने लोगों के दम निकाल दिए थे उन्हीं सभी सामग्रियों के दाम अभी से बढ़ा दिए गए हैं जिससे लोग काफी आशंकित व आक्रोशित हैं। दूसरी ओर लोकल सामग्री जैसे टमाटर, सब्जी, मुर्गी, मछली को लोग औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर है जिससे आम लोगों की जेब में दोनों तरफ डाका पड़ रहा है। कोरोना की लहर जैसे-जैसे पास आते जा रही है प्रतिदिन उसी प्रकार तेल, गुड़ाखू, पान मसाला, तेल व दाल के दाम दिनों-दिन आसमान छू रहे हैं।
10 रुपये किलो में बिका टमाटर
जैसे-जैसे कोरोना की आशंका व लाकडाउन की स्थिति निर्मित हो रही है वैसे क्षेत्रीय सामग्री बड़े बाजार न पहुंच पाने के कारण औने पौने दाम में बिकने लगी है। स्थानीय फसल का टमाटर एक ट्रक भर कर फिंगेश्वर पहुंचा, बड़े बाजार न पहुंच पाने के कारण 10 रुपये किलो में लोगों ने जमकर खरीदारी की। इसी प्रकार अन्य स्थानीय सब्जियों भी बिक रही हैं।
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नियंत्रण की जिम्मेदारी हम पर नहीं: खाद्य अधिकारी
सामान के दाम पर नियंत्रण रखने की जिम्मेदारी हमारी नहीं है। इसके लिए नापतौल विभाग से संपर्क करना चाहिए।
-जन्मेजय नायक, खाद्य अधिकारी गरियाबंद
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तय दामों से अधिक दाम पर जब कोई सामग्री बाजार में बिकती है, तब कार्रवाई के लिए नाप-तौल विभाग जिम्मेदार रहता है। किसी सामग्री का दाम खुदरा मूल्य से ज्यादा में बिक रहा है तो व्यवसायियों से बिल मांगिए हम निश्चित कार्रवाई करेंगे।
-युवराज साहू, अधिकारी नापतौल विभाग