जगदलपुर । आठ माह के भीतर केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव दूसरी बार बस्तर सीमा के करीब पड़ोसी राज्य ओडिशा के कोरापुट के दौरे पर आ रहे हैं। रेलमंत्री विशाखापटनम से विशेष ट्रेन (एलजी स्पेशल) से गुरुवार रात को कोरापुट पहुंचेंगे और दूसरे दिन शुक्रवार को मलकानगिरी जाएंगे। मलकानगिरी में स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होने के साथ ही साथ स्थानीय प्रशासन से जैपुर-मलकानगिरी नई रेललाइन परियोजना के लिए जमीन के अधिग्रहण सहित इससे संबंधित कई अन्य विषयों की समीक्षा करेंगे।
अश्विनी वैष्णव ने पिछले साल अगस्त में 18 से 21 तारीख तक कोरापुट, जैपुर, नवरंगपुर आदि क्षेत्रों का दौरा किया था। उन्होंने उस समय उसी रास्ते को दौरे के लिए चुना था जहां से जूनागढ़, नवरंगपुर-जैपुर-जैपुर रेललाइन प्रस्तावित है। इस बार भी वह कोरापुट आ रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय मंत्री देश भर के आकांक्षी जिलों का दौरा कर केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा कर रहे हैं। अश्विनी वैष्णव का कोरापुट, मलकानगिरी का दौरा भी इसी संदर्भ में हो रहा है। चर्चा है कि रेलमंत्री हैं इसलिए वह इस क्षेत्र में प्रस्तावित नई रेललाइन को लेकर भी समीक्षा कर सकते हैं। वाल्टेयर रेलमंडल के अधिकारी इस बात को ध्यान में रखकर पूरी तैयारी के साथ गुरुवार को दिन में ही कोरापुट पहुंच रहे हैं।
ज्ञात हो कि यह रेललाइन रायगढ़ से भवानीपटना होकर नवरंगपुर के रास्ते किरंदुल-कोत्तावालसा रेललाइन पर बस्तर संभागीय मुख्यालय जगदलपुर से 70 किलोमीटर दूर ओडिशा के जैपुर में जुड़ेगी। इसके बाद जैपुर से 130 किलोमीटर की रेललाइन मलकानगिरी तक प्रस्तावित है। इस रेलखंड के साथ ही जैपुर-नवरंगपुर 38 किलोमीटर की रेललाइन के लिए भी पिछले तीन साल से हर साल केंद्र सरकार बजट में पर्याप्त धनराशि दे रही है। चालू वित्तीय वर्ष में भी 100 करोड़ से अधिक की राशि आवंटित की गई है। मलकानगिरी दक्षिण बस्तर के सुकमा जिले से लगा हुआ है और यह नक्सल प्रभावित जिला है। आकांक्षी जिलों की सूची में भी शामिल है।
मलकानगिरी से सुकमा होकर दंतेवाड़ा लाइन पर चुप्पी
नौ साल पहले 2013-14 के केंद्रीय रेल बजट में मलकानगिरी से सुकमा होकर दंतेवाड़ा तक नई रेललाइन का प्रस्ताव शामिल किया गया था। इस प्रस्ताव पर अभी तक कोई काम नहीं हुआ है। जानकार बताते हैं कि इस रेललाइन के लिए सर्वेक्षण भी अब तक नहीं हुआ है।
बस्तर भाजपा के नेता नाराज
रेलमंत्री का बस्तर प्रवास का कार्यक्रम नहीं होने पर स्थानीय भाजपा नेताओं ने निराशा जताई है। पिछले साल अगस्त में जब अश्विनी वैष्णव ओडिशा दौरे पर आए थे तब बस्तर से पूर्व सांसद दिनेश कश्यप, पूर्व मंत्री केदार कश्यप, पूर्व विधायक डा सुभाऊ कश्यप, बैदूराम कश्यप व लच्छू कश्यप बस्तर की रेल मांगो पर उनसे चर्चा के लिए नवरंगपुर गए थे। उस समय भी रेलमंत्री से बस्तर आने का अनुरोध किया गया था। अभी हाल ही में मार्च के अंतिम सप्ताह में यही नेता दिल्ली जाकर रेलमंत्री से मिलकर एक बार फिर बस्तर आने का अनुरोध करके लौटे हैं। नईदुनिया से चर्चा में भाजपा नेताओं ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि बस्तर की सीमा तक आकर यहां नहीं आना बस्तर का नुकसान है, क्योंकि रेलमंत्री यदि बस्तर आते तो यहां की रेलमांगों और समस्याओं पर प्रत्यक्ष चर्चा हो जाती।