छत्तीसगढ़ में सरकार और सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता, 2.54 करोड़ के इनामी 66 माओवादियों का समर्पण
माओवादी लखमा लेकाम की माओवादियों ने नसबंदी करा दी थी। सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त करके उपचार के बाद वह पिता बनना चाहता है, ताकि सुख और शांति के साथ अपने परिवार के साथ जी सके। आठ लाख रुपये के इनामी माओवादी हिमांशु मिड़ियाम ने इसलिए आत्मसमर्पण किया, ताकि वो भी माओवादी हिंसकों के आदिवासी विरोधी कृत्यों को उजागर करे।
Publish Date: Thu, 24 Jul 2025 07:46:52 PM (IST)
Updated Date: Thu, 24 Jul 2025 08:38:30 PM (IST)
बीजापुर में पुलिस व अधिकारियों की उपस्थिति में समर्पण करते माओवादी।-पुलिस मीडियाHighLights
- बीजापुर में सर्वाधिक 25 माओवादियों का समर्पण, इनमें 25 लाख का इनामी रामन्ना भी
- कांकेर में 13, नारायणपुर में आठ, सुकमा जिले में पांच माओवादियों ने छोड़ा संगठन
- समर्पित महिला माओवादी ने कहा- मेरी एक बेटी हो और वो बड़ी होकर शिक्षक बने।
टीम नईदुनिया, जगदलपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में गुरुवार को 2.54 करोड़ के इनामी 66 माओवादियों ने समर्पण कर दिया। इनमें 25 लाख का इनामी माओवादी स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर (एसजेडसीएम) रामन्ना ईरपा उर्फ जगदीश भी शामिल है। जगदीश ओडिशा राज्य सब जोनल ब्यूरो का प्रमुख था। बीजापुर में 25, दंतेवाड़ा में 15, कांकेर में 13, नारायणपुर में आठ व सुकमा के पांच सक्रिय माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में वापसी कर ली। बस्तर रेंज में पिछले 18 महीनों में कुल 1,570 माओवादियों ने समर्पण किया है।
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- नारायणपुर में समर्पण करने वाली माओवादी रीना कुर्साम ने कहा कि उसका सपना है कि उसकी एक बेटी हो और वो बड़ी होकर शिक्षक बने और दुनिया को शांति का पाठ पढ़ाए।
- माओवादी लखमा लेकाम की माओवादियों ने नसबंदी करा दी थी। सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त करके उपचार के बाद वह पिता बनना चाहता है, ताकि सुख और शांति के साथ अपने परिवार के साथ जी सके।
- वहीं, आठ लाख रुपये के इनामी माओवादी हिमांशु मिड़ियाम ने इसलिए आत्मसमर्पण किया, ताकि वो भी माओवादी हिंसकों के आदिवासी विरोधी कृत्यों को उजागर करके अपने जनजातीय लोगों को अच्छी जिंदगी के लिये प्रेरित कर सके।
- आईजी सुंदरराज ने कहा कि माओवादी संगठन को लगातार नुकसान हो रहा है और शीर्ष कैडर कमजोर हो चुका है। आने वाले समय में और भी माओवादी हथियार डालेंगे।
प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और केंद्रीय गृह मंत्री के नेतृत्व में मार्च 2026 तक माओवाद का पूर्णतः उन्मूलन संभव है। सरकार आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को पुनर्वास और समाज में सम्मानजनक जीवन देने की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करेगी।
विष्णु देव साय, मुख्यमंत्री