Jagdalpur: मणिपुर में उग्रवादियों की गोलीबारी में छत्तीसगढ़ का बेटा रंजीत बलिदान
बलिदानी रंजीत की खबर जैसे ही गांव पहुंची, पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। बुजुर्ग मां-बाप का सहारा छिन गया और रंजीत की तीन मासूम बेटियों के सिर से हमेशा के लिए पिता का साया उठ गया।
Publish Date: Sat, 20 Sep 2025 08:27:02 PM (IST)
Updated Date: Sat, 20 Sep 2025 08:32:05 PM (IST)
फोटो: रंजीत कश्यप, बलिदानी जवानHighLights
- घात लगाकर हमला कर दिया।
- तीन जवान गंभीर रूप से घायल हैं।
- इनमें से एक की हालत नाजुक है।
नईदुनिया प्रतिनिधि, जगदलपुर। मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में शुक्रवार शाम उग्रवादियों ने असम राइफल्स की टुकड़ी पर घात लगाकर हमला कर दिया। इस हमले में छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के बालेंगा ग्राम उपयगुड़ापारा के जवान रंजीत कुमार कश्यप व असम राइफल्स के एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) बलिदानी हो गए।
हमले में 33 असम राइफल्स के नायब सूबेदार श्याम गुरुंग (58) और राइफलमैन रंजीत सिंह कश्यप (29) बलिदानी हो गए। तीन अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हैं। इनमें से एक की हालत नाजुक है।
इधर बलिदानी रंजीत की खबर जैसे ही गांव पहुंची, पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। बुजुर्ग मां-बाप का सहारा छिन गया और रंजीत की तीन मासूम बेटियों के सिर से हमेशा के लिए पिता का साया उठ गया।
छुट्टी से लौटे पांच दिन भी नहीं बीते
ग्रामीणों ने बताया कि रंजीत पिछले महीने छुट्टी पर घर आया था। करीब एक माह तक उसने स्वजन के साथ समय बिताया और मात्र पांच दिन पहले ही ड्यूटी पर लौटा था।
उसने अपने साथियों से कहा था कि सेवा के तीन साल शेष हैं, जिसके बाद सेवानिवृत्त होकर गांव लौटेगा और अपने मां-बाप का सहारा बनेगा। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
परिजनों ने बताया कि रंजीत शुरू से ही सेना में जाकर देश की रक्षा करना चाहता था। उसी सपने को पूरा करते हुए वह असम राइफल्स में भर्ती हुआ। उसकी तीन बेटियां हैं, जबकि बहन की शादी भी एक बीएसएफ जवान से हुई है।