जगदलपुर। एनएमडीसी के यहां बस्तर स्थित औद्योगिक इकाइयों में सक्रिय श्रमिक संगठनों के बीच मतभेद को सुलझाने कंपनी के हैदराबाद मुख्यालय से अधिकारियों की टीम को आना पड़ा है। कंपनी में कार्यरत श्रमिकों के साथ कंपनी के संबंधों को लेकर गठित इकाई इंडस्ट्रियल रिलेशनशिप (आइआर) के दो अधिकारी उपमहाप्रबंधक एस चटर्जी और वरिष्ठ प्रबंधक धीरेंद्र यादव ने तीन दिनों तक यहां रुककर श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों से चर्चा की है।
अधिकारी नगरनार स्टील प्लांट के अलावा बचेली, किरंदुल भी गए थे और वहां भी अलग-अलग सभी संगठनों से चर्चा कर मतभेद सुलझाने का प्रयास किया। विदित है कि एनएमडीसी में सक्रिय और मान्यता प्राप्त संगठनों में वामपंथी विचारधारा का एटक और कांग्रेस समर्थित भारतीय राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) का बोलबाला है। इन दोनों विचारधारा को मानने वाले श्रमिक संगठन आल इंडिया एनएमडीसी वर्कर्स फेडरेशन में शामिल हैं लेकिन पिछले कुछ समय से एटक और इंटक के बीच कुछ विषयों को लेकर वैचारिक मतभेद सामने आए हैं।
नगरनार स्टील प्लांट के विनिवेशीकरण का दोनों संगठन साथ मिलकर विरोध करते रहे हैं पर अब इन्होंने अलग-अलग राह पकड़ ली है। एनएमडीसी की परेशानी इनकी गतिविधियों और विचारधारा से नहीं है बल्कि मतभेद के कारण कंपनी के कर्मचारियों से जुड़े मामलों पर निर्णय के लिए समय-समय पर आयोजित की जाने वाली प्रबंधन और श्रमिक संगठनों की संयुक्त बैठक में एक साथ इनकी उपस्थिति नहीं होने से है। कंपनी सूत्रों की मानें तो पिछले तीन चार माह में दोनों संगठन एटक और इंटक अथवा इनके अनुषांगिक श्रमिक संगठन कंपनी द्वारा बुलाई गई बैठक में एक साथ शामिल होने से कतराते आ रहे हैं।
कर्मचारियों को हित न हो प्रभावित
एनएमडीसी के बचेली किरंदुल स्थित आधिकारिक सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी में बताया गया कि श्रमिक संगठनों के बीच मतभेद से कर्मचारियों के हित प्रभावित न हो इसके लिए हैदराबाद से चर्चा के लिए अधिकारी आए थे। तीन दिन पहले दौरा कर अधिकारी वापस लौटे हैं। इधर अधिकारियों के दौरे को नगरनार स्टील प्लांट की कमीशनिंग की तैयारी से भी जोड़कर देखा जा रहा है। श्रमिक संगठन स्टील प्लांट के विनिवेशीकरण का विरोध कर रहे हैं और अब कमीशनिंग का विरोध इनके द्वारा किया जा रहा है।
स्टील प्लांट की कमीशनिंग को लेकर चर्चा का प्रस्ताव
एनएमडीसी श्रमिकों से जुड़े अन्य मुद्दों के साथ ही स्टील प्लांट की कमीशनिंग को लेकर भी चर्चा करने का प्रस्ताव श्रमिक संगठनों एटक और इंटक को दिया है पर दोनों संगठन एक साथ बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। इसके कारण तीन माह में कम से कम दो बार हैदराबाद में बैठक की तारीख तय का स्थगित करना पड़ा है।
कोई नई बात नहीं
इधर एनएमडीसी के अधिकारियों के बस्तर दौरे को लेकर बताया गया कि यह सब इंडस्ट्रीयल रिलेशनशिप के तहत किया गया है इसमें कोई नई बात नहीं है। संयुक्त इस्पात मजदूर संघ नगरनार के सचिव महेंद्र जान से चर्चा करने पर उन्होंने एनएमडीसी के अधिकारियों से चर्चा होने की बात स्वीकार की। उन्होंने कहा कि उनके संगठन ने अपना पक्ष रख दिया है।