विनोद सिंह, जगदलपुर। बस्तर की आर्थिक रेललाइन के रूप में बीते छह दशक से अधिक समय से प्रस्तावित जगदलपुर-रावघाट-दल्लीराजहरा रेललाइन परियोजना को साकार रूप में देखने की आस में बस्तरवासियों की दो पीढ़ियां गुजर गई हैं। इस रेललाइन को पूरा करने करने की मांग को लेकर समय-समय पर आवाज बुलंद करने के लिए बस्तर आने वाले केंद्र सरकार के मंत्रियों से लेकर बड़े नेताओं से पत्रों-प्रपत्रों के आदान-प्रदान का सिलसिला आज भी अनवरत जारी रखने वाले बस्तर चेंबर आफ कामर्स के पूर्व अध्यक्ष पुखराज बोथरा, संतोष जैन जैसे बुजुर्ग सक्रिय हैं।
इसी माह सर्व नागरिक मंच ने भी रेललाइन के निर्माण में देरी के विरोध में अंतागढ़ से जगदलपुर तक 173 किलोमीटर की पदयात्रा की है। विभिन्ना संघ-संगठनों से जुड़े लोग एक बार फिर पूरी मुखरता के साथ इस मांग को लेकर सक्रिय हो गए हैं। इस सकारात्मक पहल का क्या और कब तक परिणाम आएगा यह भविष्य के गर्भ में है, लेकिन आस टूटी नहीं है। आदमी तो आदमी पेड़ पौधों को रावघाट रेललाइन का इंतजार है। ये वही पेड़ हैं जिन्हें कभी पौधों के रूप में नेताओं ने यहां स्मृति के रूप में रोपे थे। रावघाट-जगदलपुर रेललाइन पर तेजी से काम करने की घोषणा के बाद तत्कालीन रेल राज्यमंत्री स्वर्गीय माधवराव सिंधिया ने आज से 35 साल पहले यहां रेलवे स्टेशन प्रांगण में नारियल के पौधे रोपे थे। उनके साथ दौरे पर साथ आए कुछ नेताओं व रेलवे के उच्चाधिकारियों ने भी उस समय पौधे रोपे थे। स्टेशन के बाहर नारियल के ये सात पेड़ बीते 35 सालों से जिम्मेदारों को बस्तरवासियों के रावघाट रेललाइन रूपी सपने की याद दिलाते आ रहे हैं। अब इन पेड़ों की उम्र काफी हो चली है। पेड़ों में नारियल के फल लदते हैं और फिर एक समय बाद नीचे गिर जाते हैं। यह सिलसिला बरसों से जारी है। इन पेड़ों की जड़ें कमजोर हो रही हैं। वह दिन भी आएगा जब ये समाप्त हो जाएंगे, लेकिन क्या तब तक रावघाट रेललाइन का निर्माण पूरा होगा और बस्तर के लोग रेल में सवारी कर रायपुर आने-जाने लगेंगे। ऐसा कब तक संभव होगा यह भविष्य ही बता पाएगा।
1987 में माधवराव ने किया था स्टेशन का दौरा
स्टेशन परिसर के आसपास कुछ ऐसे लोग भी निवासरत हैं जो माधवराव सिंधिया के प्रवास के साक्षी हैं। रेलवे में नौकरी कर सेवानिवृत्त होने वाले स्वार्गीय मंगलू बाघ का परिवार भी यहां रहता है। मंगलू बाघ के पुत्र विजय कुमार बाघ रेलवे में कर्मचारी हैं। उन्होंने नईदुनिया को बताया कि पिताजी से कई बातें उन्होंने सुनी थी। 1987 में रेल राज्यमंत्री के रूप में माधवराव सिंधिया जगदलपुर आए थे। विजय का कहना है कि वह उस समय 14 साल का था। उसे अच्छी तरह याद है उस समय नारियल के ये पौधे यहां रोपे गए थे। बस्तर चेंबर आफ कामर्स के पूर्व अध्यक्ष संतोष जैन, पुखराज बोथरा व कांग्रेस नेता सतपाल शर्मा ने नईदुनिया को बताया कि उस समय मानकूराम सोढ़ी बस्तर के सांसद थे। उन्होंने दल्लीराजहरा-रावघाट-जगदलपुर रेललाइन परियोजना पर काम शुरू करने की मांग थी। तब सिंधिया ने भरोसा दिलाया था कि वह दिल्ली लौटकर इस पर काम तेज करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित करेंगे। ज्ञात हो कि राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहते समय सिंधिया उनकी सरकार में 22 अक्टूबर 1986 से एक दिसंबर 1988 तक रेल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे।