
नईदुनिया प्रतिनिधि, जगदलपुर। बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान मोंथा के प्रभाव से पड़ोसी राज्य ओड़िशा और आंध्र प्रदेश में भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए बस्तर से चलने वाली सभी यात्री ट्रेनें रद कर दी गई हैं या फिर उनके परिचालन की दूरी कम कर दी गई है। पूर्वी तट रेल जोन भुवनेश्वर के अंतर्गत छूटने और गुजरने वाली 43 यात्री ट्रेनों को निरस्त किया गया है।
इनमें बस्तर से चलने वाली सभी पांच ट्रेनें शामिल हैं। मंगलवार को जगदलपुर आने वाली हावड़ा-जगदलपुर समलेश्वरी एक्सप्रेस, भुवनेश्वर-जगदलपुर हीराखंड और राउरकेला-जगदलपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस को यहां से 286 किलोमीटर दूर ओड़िशा के रायगढ़ा जंक्शन में रोककर वहीं से तीनों गाड़ियां वापस गंतव्य के लिए रवाना कर दी गई।
विशाखापत्तनम-किरंदुल के बीच संचालित नाइट एक्सप्रेस और पैसेंजर दोनों गाड़ियां सोमवार से ही दो दिनों के लिए निरस्त की जा चुकी हैं। मोंथा तूफान के मंगलवार देर शाम रात तक आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्र से टकराने की संभावना मौसम विभाग ने व्यक्त की है।
इसके कारण भारी बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना को देखते हुए बुधवार का भी यात्री ट्रेनों की आवाजाही रोकी जा सकती है। ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित होने से यात्री परेशान हैं जिन्होंने पहले से रिजर्वेशन करा लिया था। मंगलवार को कुछ यात्री ट्रेनों की जानकारी के लिए स्टेशन पहुंचे थे। गुरुवार से यात्री ट्रेनों की आवाजाही सामान्य होने की संभावना है।

तूफान के प्रभाव से दोपहर से आंध्र प्रदेश के अरकू क्षेत्र में हो रही भारी बारिश से किरंदुल कोट्टावालसा रेललाइन प्रभावित हुई है। अरकू रेलखंड के चिमडिपल्ली और बोरागुहालु स्टेशन के बीच भू स्खलन से पटरी को नुकसान पहुंचा है। पहाड़ से मलबा पटरी पर आ गया है। इस रेल लाइन में सोमवार से ही आवागमन बंद कर दिया गया है
मोंथा के कारण बस्तर में रेल यात्री सेवा प्रभावित है वहीं दक्षिण-पूर्व रेलवे के अंतर्गत चक्रधरपुर रेलमंडल में रेललाइन के उन्नयन के लिए मेगा ब्लाक लेने के कारण नवंबर और दिसंबर में सात दिन राउरकेला-जगदलपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस रद रहेगी। नवंबर में चार, 11, 18 और 25 तारीख तो तथा दिसंबर माह में दो, नौ और 16 तारीख को यह गाड़ी राउरकेला में ही निरस्त रहेगी।

खेत में धान की कटी फसल।
जगदलपुर: समुद्री चक्रवाती तूफान मोंथा के प्रभाव से दक्षिण-मध्य बस्तर में भी मौसम दो दिन पहले से ही बिगड़ा हुआ है। आसमान पर बादल छाए हैं और सोमवार से ही अंचल के कुछ क्षेत्रों में रूक रूककर बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने मंगलवार रात से गुरुवार सुबह तक कुछ जगहों पर मध्यम से लेकर भारी बारिश होने की संभावना व्यक्त की है।
मौसम में आए बदलाव और बारिश ने धान की फसल को लेकर किसानों की चिंता बढ़ा दी है। बता दें कि बस्तर के कुछ क्षेत्रों में धान की फसल पककर तैयार हो चुकी है। कटाई भी शुरू की जा चुकी है। कहीं-कहीं फसल काटकर किसानों ने खेतोंं में ही छोड़ दिया है।
इसके बर्बाद होने की स्थिति निर्मित होती दिख रही है। कृषि महाविद्यालय कुम्हरावंड के विशेषज्ञों के अनुसार बेमौसम बारिश से धान ही नहीं अन्य फसलों को भी नुकसान हो सकता है। यदि दो-तीन भी बारिश हो गई तो धान की कटी फसल ही नहीं खड़ी फसल भी प्रभावित होगी।