
जगदलपुर (ब्यूरो)। दक्षिण बस्तर में केके रेललाइन में नक्सली पूरी तरह से हावी हैं। लगातार दूसरे दिन सोमवार को नक्सलियों ने किरंदुल से विशाखापट्टनम जाने वाली पैसेंजर ट्रेन में चुनाव बहिष्कार को लेकर बैनर बांधा। घटना सुबह करीब साढ़े सात बजे दंतेवाड़ा से 5 किलोमीटर दूर ग्राम कुपेर में हुई।
कुपेर स्टेशन नहीं है, पर यहां पैसेंजर का एक मिनट का हाल्ट निर्धारित है। पैसेंजर जैसे ही कुपेर में खड़ी हुई ग्रामीण वेशभूषा वाले नक्सलियों के दो अलग-अलग दलों ने ट्रेन के आगे इंजन और पीछे गार्ड के डिब्बे में बैनर बांध दिया। ट्रेन ड्रायवर के मना करने के बाद भी नक्सली नहीं माने और बैनर को नहीं निकालने की हिदायत देते हुए जगदलपुर तक ले जाने का निर्देश दिया।
भयभीत ड्राइवर ने दंतेवाड़ा पहुंचने पर स्टेशन मैनेजर को बैनर बांधे जाने की जानकारी दी। कुपेर से दंतेवाड़ा पहुंचने पर नियमित गश्त में पहुंची पुलिस ने इंजन में बांधा गया बैनर निकाल लिया पर गार्ड के डिब्बे से बैनर निकालना भूल गई। दंतेवाड़ा में करीब 20 मिनट ट्रेन नक्सली बैनर बांधे खड़ी रही।
ट्रेन के छूटने के बाद गार्ड के डिब्बे में नक्सली बैनर बंधा होने की जानकारी मिलते ही पुलिस के होश उड़ गए। इस बात की जानकारी तत्काल नजदीकी गीदम स्टेशन को दी गई। ट्रेन के गीदम स्टेशन पहुंचने पर पुलिस ने दूसरा बैनर भी निकाल लिया।
जनरल बोगी में लिखा
नक्सलियों ने न केवल ट्रेन के इंजन व गार्ड के डिब्बे में बैनर बांधा था बल्कि एक जनरल बोगी में लाल पेंट से नारे भी लिख दिए थे। चुनाव बहिष्कार, ऑपरेशन ग्रीनहंट बंद करने तथा भाजपा व कांग्रेस के खिलापु लिखे नारे पर पुलिस व रेल कर्मियों की नजर नहीं पड़ी।
ट्रेन के जगदलपुर पहुंचने पर आरपीएपु के जवानों की बोगी में पेंट से लिखे नारों पर नजर पड़ी जिसे नहीं मिटाया जा सका पर इस बात की जानकारी तुरंत वाल्टेयर रेल मंडल मुख्यालय को दे दी गई। जिस पर मंडल मुख्यालय से ओड़िशा के कोरापुट जंक्शन में बोगी में लिखे नारों को मिटाने का निर्देश दिया।