जगदलपुर (ब्यूरो)। बस्तर के खूबसूरत जल प्रपातों में एक तामड़ाघूमर, छग पर्यटन मंडल के नक्शे में आने के बावजूद सुविधाओं को तरस रहा है।सैलानियों के लिए यहां ना तो विश्राम स्थल है और ना ही पार्किंग की व्यवस्था।
घाटी के ऊपर बेरीकेै ट नहीं होने से यहां हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। उपरोक्त कमियों के चलते पर्यटक यहां आना नहीं चाहते। मटनार के ग्रामीणों ने प्रपात के ऊपर पर्याप्त सुविधा के साथ दो-चार शॉपिंग कक्ष भी बनाने की मांग की है।
जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर चित्रकोट चौंक से 08किमी दूर बारसूर मार्ग पर स्थित मटनार में खूबसूरत ताम डाघूमर जल प्रपात है। मटनार नाला का पानी करीब 70 फीट गहरी घाटी में गिर कर सुन्दर जलप्रपात बनाता है।
पावस ऋतु में अपनी छटा बिखेरने वाले इस प्रपात क्षेत्र में सुविधाओं का अभाव है। मुख्य मार्ग से महज 100 मीटर दूर होने के बावजूद घाटी किनारे तक जाने के लिए कांक्रीट की पगडंडी भी नही है।
सैलानियों को उबड़-खाबड़ पत्थरों से होकर घाटी तक जाना पड़ता है। प्रपात ऊपर पत्थरों के बीच एक पैगोड़ बनाया गया है,परन्तु इसे मवेशियों ने गंदा कर दिया है। तामड़ाधूमर के ऊपर तो दूर चित्रकोट चौंक में भी इस खूबसूरत प्रपात के संदर्भ में कोई संकेतक बोर्ड भी नहीं है, इसलिए यहां आने वाले पर्यटक आगे मारडूम की तरफ बढ़ जाते हैं।
लंबे समय से यह मांग उठ रही है कि तामड़ाधूमर के ऊपर सैलानियों के लिए विामगृह, सोलर लाइट, 70 फीट गहरी घटी के ऊपर लोहे की रैलिंग,बेहतर पार्किंग स्थल के अलावा दो-चार शापिंग सेंटर बनाया जाए, ताकि ग्रामीणें को रोजगार का अवसर मिले।
सैलानियों का कहना है कि तामड़ाधूमर को घाटी से निहारने के अतिरिक्त कुछ और देख नहीं कोटमसर की तरह तामड़ाधूमर में भी गाइड होने चाहिए, ताकि क्षेत्र की पर्याप्त जानकारी पर्यटकों को मिल सके।