
अनिमेष पाल, नईदुनिया प्रतिनिधि, जगदलपुर। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को बस्तर ओलंपिक-2025 के समापन समारोह में स्पष्ट शब्दों में कहा कि बस्तर को माओवाद मुक्त करना ही नहीं, बल्कि 2030 तक देश का सबसे समृद्ध और विकसित आदिवासी संभाग बनाना हमारा संकल्प है। प्रियदर्शिनी इंदिरा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हर हाल में हासिल किया जाएगा।
गृह मंत्री ने मंच से मुट्ठी भींचकर जवानों और उपस्थित जनसमूह से भारत माता के जयकारे लगवाए और कहा कि मां दंतेश्वरी की पावन भूमि पर आकर उनकी एक ही प्रार्थना है कि माओवाद मुक्त छत्तीसगढ़ में आदिवासियों का समग्र विकास। उन्होंने कहा कि आज बस्तर आकर उन्हें सबसे अधिक आनंद हो रहा है, क्योंकि सरकार जिस लक्ष्य के साथ आगे बढ़ी थी, वह अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। अमित शाह ने कहा कि सरकार ने तय किया था कि मार्च 2026 तक माओवाद का पूरी तरह अंत किया जाएगा, और आज बस्तर ओलंपिक में आकर वह कह सकते हैं कि यह लक्ष्य अब बहुत करीब है। उन्होंने विश्वास जताया कि अगली बार जब वे बस्तर ओलंपिक में आएंगे, तब यह क्षेत्र पूरी तरह माओवाद मुक्त होगा।
उन्होंने कहा कि माओवाद मुक्त करना ही सरकार का अंतिम लक्ष्य नहीं है। माओवादी हिंसकों की समाप्ति के बाद बस्तर में विकास की नई शुरुआत होगी। सात जिलों के इस संभाग को 2030 तक देश का सबसे विकसित आदिवासी क्षेत्र बनाया जाएगा। इसके तहत हर आदिवासी परिवार तक बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य और बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाई जाएंगी। पांच लाख रुपये तक का मुफ्त उपचार, हर पांच किलोमीटर के दायरे में बैंक और स्वास्थ्य सेवाएं, वनोपज के प्रसंस्करण, दुग्ध उत्पादन, नए उद्योगों और आवश्यकता के अनुसार अस्पतालों की स्थापना की जाएगी। कुपोषण से निपटने के लिए विशेष क्लीनिक भी चलाए जाएंगे।
गृह मंत्री ने कहा कि माओवाद की राह छोड़कर मुख्यधारा में लौटने वाले माओवादियों का पुनर्वास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि माओवादी विकास के सबसे बड़े बाधक थे, लेकिन अब शांति के साथ बस्तर विकास की ओर बढ़ रहा है। माओवाद के झांसे में आकर जिनका जीवन बर्बाद हो रहा था, ऐसे 700 से अधिक पूर्व माओवादी आज शांति का रास्ता चुनकर खेल और समाज की मुख्यधारा में लौट चुके हैं और बस्तर ओलिंपिक में उनकी ’नुआ बाट’(नई राह) टीम अन्य प्रतिभागियों से प्रतिस्पर्धा कर रही है।
उन्होंने दावा किया कि 21 मार्च 2026 तक देश पूरी तरह माओवाद से मुक्त हो जाएगा। भटके हुए युवाओं से अपील करते हुए अमित शाह ने कहा कि हथियार डालकर अपने और अपने परिवार के भविष्य के लिए आगे आएं, क्योंकि माओवाद से किसी का भला नहीं हुआ। शांति ही विकास का एकमात्र रास्ता है।
अमित शाह ने बस्तर की संस्कृति की सराहना करते हुए कहा कि यह दुनिया की सबसे समृद्ध संस्कृतियों में से एक है। माओवाद के साये में जो त्योहार, गीत और उत्सव समाप्त हो रहे थे, उन्हें अब फिर से आगे बढ़ाया जा रहा है। ढोकरा शिल्प सहित पारंपरिक कलाओं को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2036 ओलंपिक के लिए बस्तर से खिलाड़ी तैयार किए जाएंगे।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बस्तर का माओवाद मुक्त होना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संकल्प का प्रत्यक्ष परिणाम है। विधानसभा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने कहा कि इतिहास में धारा 370 हटाने और चार दशकों से चली आ रही माओवादी हिंसा के खात्मे के लिए देश हमेशा अमित शाह के योगदान को याद रखेगा। कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा और विधायक किरण देव ने भी संबोधित किया।