
बीजापुर। नईदुनिया न्यूज
माओवादियों द्वारा पंचायत चुनाव और 26 जनवरी के बहिष्कार को लेकर जगह-जगह पर्चे फेंके जा रहे हैं। माओवादियों के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प, केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने अलग-अलग प्रेस नोट जारी कर चुनाव के साथ गणतंत्र दिवस के बहिष्कार की बातें लिखी हैं। माओवादियों ने लिखा है कि चार से 10 फरवरी तक भूमकाल की 110वीं वर्षगांठ के आयोजन को उनके जनताना सरकार के स्थापना दिवस के तौर पर मारे गए नक्सली नेता रमन्ना की याद में गांव-गांव में मनाया जाएगा।
विकल्प ने प्रेस नोट में खुलासा भी किया गया है कि रमन्ना के नेतृत्व में संपूर्ण बस्तर में अब तक कितनी बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया गया है। माओवादी नेताओं ने रमन्ना की ऐसी तस्वीर भी जारी की है जिसके लिए खुफिया विभाग और पुलिस दर-दर भटकते रहे। सरकार के पास रमन्ना की 25 साल पुरानी एक तस्वीर के अलावा कोई दूसरी तस्वीर उपलब्ध नहीं थी। विकल्प ने खुलासा किया है कि 1980 में बस्तर आने के बाद रमन्ना द्वारा कलमू देवाल और बुरुदा वड्डे नामक दो लोगों की हत्या कर पहली घटना को अंजाम दिया गया था। उसके बाद संगठन में कद बढ़ता गया। वर्ष 1987 में कुरनापल्ली, 1982 में लिंगमपल्ली और उसके बाद उर्पलमेटता, ताड़मेटला, तोगगुड़ा, भट्टीगुड़ा, सिंगनमदगु, मुकर्रम, कसालपाड, एलाडमड़गु, कासाराम, कोडासावली, केशकुतुल, मुकर्रम जैसे एम्बुश के अलावा कालीमेला, बैलाडीला और रानीबोदली जैसे बड़ी घटनाओं को रमन्ना के नेतृत्व में अंजाम दिया गया था। सात दिसंबर 2019 को उसकी मौत हो गई।