माओवादियों का इंटरनेशनल कनेक्शन, तुर्की आतंकी संगठन ने की बसव राजू के मारे जाने की निंदा
तुर्की के वामपंथी उग्रवादियों ने माओवादी प्रमुख बसव राजू के मारे जाने पर भारत सरकार की आलोचना करते हुए वीडियो जारी किया है। इसमें पीएलजीए के 27 माओवादियों को श्रद्धांजलि दी गई। बस्तर आईजीपी ने माओवादियों के अंतरराष्ट्रीय संपर्क उजागर होने की बात कही है।
Publish Date: Fri, 30 May 2025 08:29:28 PM (IST)
Updated Date: Fri, 30 May 2025 08:29:28 PM (IST)
जारी वीडियो में माओवादी प्रमुख बसव राजू के समर्थन में बयान पढ़ रहा तुर्की का वामंपथी उग्रवादी।HighLights
- तुर्की उग्रवादियों ने बसव राजू को नायक बताया।
- माओवादियों की अंतरराष्ट्रीय नेटवर्किंग फिर से सामने आई।
- भाजपा पर फासीवाद फैलाने का आरोप लगाया गया।
नईदुनिया प्रतिनिधि, जगदलपुर। भारत में पांच हजार से अधिक सुरक्षा बल के जवानों व आम नागरिकों के हत्या के जिम्मेदार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) प्रमुख को मार गिराने के विरोध में तुर्की के वामपंथी उग्रवादी संगठन ने वीडियो जारी कर भारत सरकार की निंदा की है।
साढ़े चार मिनट के इस वीडियो में दिखाई दे रहा है कि बंदूक थामे एक तुर्कीश वामपंथी उग्रवादी चेहरे को ढककर एक बयान पढ़ रहा है, जिसमें वह माओवादी प्रमुख बसव राजू को महान नायक के रुप में रेखांकित करते हुए पिपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) के मारे गए 27 माओवादियों के प्रति संवेदना प्रकट कर रहा है।
इस वीडियो में वह भाजपा पर फासीवाद व पूंजीवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहा है। इसी तरह फिलिपिंस में भी वामपंथी समर्थकों ने बसव राजू को श्रद्धांजलि दी है। इन घटनाओं ने एक बार फिर से भारत के माओवादियों के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को उजागर किया है कि किस प्रकार से वे अंतरराष्ट्रीय समर्थन से भारत में हिंसक आंदोलन को बढ़ावा दे रहे हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए युद्ध में भी तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन किया था।
माओवादियों ने सैकड़ों निर्दोषों को मारा- आइजीपी
- जारी वीडियो को लेकर बस्तर आइजीपी सुंदरराज पी. ने कहा है कि प्रतिबंधित माओवादी संगठन के कैडरों और समर्थकों की ओर से सैकड़ों निर्दोष नागरिकों व जवानों के हत्यारे दुर्दांत माओवादी बसव राजू के रक्तरंजित क्रूर इतिहास काे छिपाकर क्रूरता के महिमामंडन का प्रयास कभी सफल नहीं हो सकता।
इस वीडियो से माओवादियों के अंतरराष्ट्रीय संपर्क भी उजागर होते हैं। आदिवासी विरोधी, अमानवीय और विकास विरोधी माओवाद का असली चेहरा दुनिया देख चुकी है। सरकार के मार्च 2026 तक माओवादी मुक्त अभियान को पूरा करने सुरक्षा बल संकल्पित है। माओवादी आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में नहीं लौटते हैं तो सभी का हश्र बसव राजू की तरह ही होगा।