अनिमेष पाल। जगदलपुर। नक्सलवाद की छवि को तोड़ने देशभर के 25 से अधिक यूट्यूबर, ब्लागर व इंफ्लूएंसर बस्तर में जुटे है। सभी अगले चार दिनों तक बस्तर के गांवों में होम स्टे में रुककर यहां की आदिवासी संस्कृति, कला, बस्तर के बाजार, पर्यटक स्थलों को देखेंगे और अपने यूट्यूब चैनल व ब्लाग के जरिए बस्तर की विशेषताओं को बताएंगे।

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक युवा आइएफएस धम्मशील गणवीर, बस्तर में स्थायी पर्यटन को बढ़ावा देने यह आयोजन विभाग की ओर से करवा रहे हैं। पहले दिन गुरुवार को होटल अविनाश में द्यदेखो बस्तरद्य थीम पर कान्क्लेव आयोजित किया गया था, जिसमें बस्तर की संस्कृति और पर्यटन के बारे में जानकारी दी गई।

'देखो बस्तर थीम पर चार दिवसीय कान्कलेव से बस्तर में स्थायी पर्यटन को दिशा देने का प्रयास

दूसरे दिन विभिन्न राज्यों से आए यूट्यूबर सैयद अरशान हुसैन, ब्लागर शिवानी सिंह, अमृता सेन, कौशल सुभाष, इंफ्लूएंसर ऐश्वर्या लोधा, आदित्य दीपक पाटिल, सौरभ चौधरी, प्रेरणा प्रसाद, भाग्येश दुबे सहित अन्य ने बस्तर के गांव, बाजार और पर्यटक स्थलों को देखा।

छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग से जुड़कर काम कर रहीं ब्लागर शिवानी सिंह कहती है कि उनकी नजर बस्तर में आदिवासी पर्यटन पर होगी। आज नानगुर बाजार जाकर अद्भूत हाट संस्कृति को देखा। बैंगलोर की विद्याश्री एम. का विदाउट बाउंड्री नाम से ब्लाग है।

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर बस्तर में पर्यटन की अपार संभावनाए हैै। बिलासपुर से आए फोटोग्राफर व डाक्यूमेंट्री मेकर ऐश्वर्य शर्मा कहते हैं कि छत्तीसगढ़ में रहकर भी वे बस्तर आने से डरते थे। यहां आने के बाद बस्तर को लेकर उनकी सोच बदल गई है। उनका कैमरा अब बस्तर की खूबसूरती को कैद करते थक नहीं रहा है।

कांगेर घाटी नेशनल पार्क के निदेशक धम्मशील गणवीर ने कहा, नक्सलवाद की छवि को तोड़ने के लिए दो दर्जन से अधिक यूट्यूबर, ब्लागर और टूर आपरेटर को बस्तर बुलाया है। इन्हें तीन टीमों में बांटा गया है, जो अलग-अलग क्षेत्र में जाकर बस्तर को समझने का प्रयास करेंगे।

Posted By: Ashish Kumar Gupta

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