
अनिमेष पाल/जगदलपुर। Politics on Nagarnar Steel Plant: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विधानसभा चुनाव के पहले मंगलवार को बस्तर प्रवास को लेकर सियासत तेज हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी यहां परिवर्तन महासंकल्प रैली के बाद लालबाग में आयोजित सभा से नगरनार इस्पात संयंत्र देश को समर्पित करने जा रहे हैं, जिसके निजीकरण को मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस अब हमलावर है। मंगलवार को कांग्रेस ने बस्तर बंद का आह्वान किया है।
सोमवार की देर शाम विधायक रेखचंद जैन, जिलाध्यक्ष सुशील मौर्य व अन्य कांग्रेसी शहर में रैली निकालकर दुकानों में जाकर बंद की अपील करते समर्थन मांगते दिखाई दिए। इसी मुद्दे को लेकर दो दिन पहले ही सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग व ओबीसी महासभा ने संयुक्त रूप से जगदलपुर से नगरनार तक महारैली निकालने के बाद नगरनार संयत्र के समक्ष आमसभा की। अब मंगलवार को बस्तर बंद कर रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष इसी मुद्दे को लेकर रविवार को राजधानी रायपुर में संयुक्त पत्रवार्ता लेकर स्पष्ट कर दिया है कि नगरनार स्टील प्लांट को निजी हाथों में सौंपने का विरोध करेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा है कि जनता को भरोसा दिलाए कि ये संयंत्र नहीं बिकेगा।
इधर प्रधानमंत्री मोदी की सभा के एक दिन पहले शहर जिलाध्यक्ष सुशील माैर्य ने कहा है कि कांग्रेस निजीकरण के विरोध में मंगलवार को बस्तर बंद करने जा रही है। इस मुद्दे को लेकर आदिवासी समाज में भी राजनीतिक गतिरोध देखने को मिला है।
दो दिन पहले सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग के संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने नगरनार संयंत्र के निजीकरण का विरोध करने सहित एनएमडीसी मुख्यालय हैदराबाद से बस्तर लाने, स्थानीय भर्ती में प्राथमिकता लागू करने व जातिगत जनगणना की मांग लेकर आंदोलन का शंखनाद किया तो इस आंदोलन के विरोध में छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज रूढ़ीजन्य परंपरा पर आधारित व छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज की प्रतिक्रिया सामने आई।
प्रकाश ठाकुर जो छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज रूढ़ीजन्य परंपरा संगठन में प्रदेश उपाध्यक्ष थे, उन्हें कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बीएस रावटे ने पद से हटा दिया। अध्यक्ष अरविंद नेताम ने प्रकाश ठाकुर पर राजनीतिक दल के लिए काम करने के आरोप लगाए। छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष दशरथ कश्यप ने भी स्पष्ट किया कि इस आंदोलन से उनके संगठन का सरोकार नहीं है।
भाजपा प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने कहा है कि इस्पात संयंत्र का निजीकरण नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2009 में यूपीए सरकार में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान ही इस्पात संयंत्र के विनिवेशीकरण के लिए एक्सप्रेशन आफ इंटरेस्ट जारी किया जा चुका था। इससे यह सिद्ध होता है कि संयंत्र का निजीकरण की नीति कांग्रेस ने तैयार की थी, इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को जनता को जवाब देना चाहिए।
शहर जिलाध्यक्ष बस्तर सुशील मौर्य ने कहा, नगरनार संयंत्र का निजीकरण केंद्र सरकार की नीति है। केदार कश्यप का यह कहना कि संयत्र का निजीकरण नहीं होगा। कोई औचित्य नहीं रखता, क्योंकि केंद्र में वे कोई हैसियत नहीं रखते। कांग्रेस संयंत्र के निजीकरण के विरोध में मंगलवार को बस्तर बंद करने जा रही है।
सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रमाण देना चाहिए कि संयंत्र का निजीकरण नहीं होगा। अगर संयंत्र को निजी हाथों में दिया जाएगा तो चाहे कुछ भी हो जाए बस्तर के मूलनिवासी बैलाडीला का लोहा लाने नहीं देंगे। इस्पात संयंत्र में हो या शिक्षक भर्ती, छत्तीसगढ़ में नौकरी में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा, बस्तर बंद लोकतंत्र की हत्या और साजिश है। प्रधानमंत्री की सभा में लोगों को आने से रोकने के लिए बंद किया जा रहा है। बस्तर के लिए कल का दिन ऐतिहासिक होने वाला है, क्योंकि प्रधानमंत्री बस्तर को कई बड़ी सौगात देने आ रहे हैं। परिवर्तन महासंकल्प रैली को प्रधानमंत्री मोदी संबोधित करेंगे, जिसे लेकर बस्तर में उत्साह है।
भाजपा प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी के बस्तर आ रहे हैं, जिससे कांग्रेस घबरा गई है और अब समाज को आगे रखकर सभा को असफल करने की रणनीति तैयार की गई थी। इससे दो प्रमुख आदिवासी संगठन के हाथ खींच लेने के बाद अब कांग्रेस को सामने आकर बस्तर बंद करने करवाना पड़ रहा है। कांग्रेस की ओछी राजनीति की कलई खुल गई है।