जगदलपुर। रावघाट-जगदलपुर रेललाइन के लिए भूमि अधिग्रहण में देरी व जगदलपुर विकासखंड में भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजा निर्धारण में अनियमितता का मामला न्यायालय में होने के कारण काम शुरू करने में देरी हो रही है। रेललाइन निर्माण के लिए गठित कंपनी बस्तर रेलवे प्रायवेट लिमिटेड (बीआरपीएल) ने केंद्रीय रेल मंत्रालय को पिछले सप्ताह भेजी गई स्टेटस रिपोर्ट में इस बात दावा किया है।
बस्तर के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा को भी बीआरपीएल ने ऐसी ही रिपोर्ट सौपी है। जबकि 15 दिन पहले बस्तर के दौरे पर आए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भूमि अधिग्रहण में देरी के आरोप से इंकार कर चुके हैं। ज्ञात हो कि रावघाट-जगदलपुर रेललाइन (141 किलोमीटर) का निर्माण शुरू करने में देरी के विरोध में हाल ही में तीन से 12 अप्रैल तक पदयात्रा हुई है। सर्व नागरिक मंच, विभिन्ना संगठनों व समाजों ने करीब कांकेर जिले के अंतागढ़ से बस्तर जिला मुख्यालय जगदलपुर तक पदयात्रा की है।
रेललाइन का निर्माण शुरू करने में देरी के विरोध में बस्तर में बढ़ते जन आक्रोश को देखते हुए ही केंद्र सरकार ने बस्तर रेलवे प्रायवेट लिमिटेड से स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। जो केंद्रीय रेल मंत्रालय को भेज दी गई है। रिपोर्ट में परियोजना पर काम आगे बढ़ाने में आ रही दिक्कतों का हवाला दिया गया है। पदयात्रा व जन आक्रोश को देखते हुए राज्य शासन के मंत्री व रेललाइन के मार्ग में आने वाले बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर व कांकेर जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने भी बस्तर रेलवे प्रायवेट लिमिटेड से रिपोर्ट मांगी थी।
परियोजना पर काम शुरू करने की वजह चाहे जो भी हो पर पदयात्रा व जन आक्रोश से केंद्र सरकार से लेकर बस्तर रेलवे प्रायवेट लिमिटेड दोनों ने इस मामले में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। करीब 26 सौ करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली रावघाट-जगदलपुर रेललाइन का निर्माण दो चरणों में प्रस्तावित है। पहले चरण में जगदलपुर से कोंडागांव 70 किलोमीटर और दूसरे चरण में कोंडागांव से रावघाट 71 किलोमीटर की रेललाइन शामिल है।
भाजपा ने भी किया बीआरपीएल से संपर्क
बस्तर में रावघाट-जगदलपुर रेललाइन के अचानक बड़ा मुद्दा बन जाने से भाजपा भी सकते में हैं। भाजपा नेताओं ने भी बस्तर रेलवे प्रायवेट लिमिटेड कंपनी से परियोजना की वर्तमान स्थिति को लेकर स्टेटस रिपोर्ट हासिल करने संपर्क किया है। पदयात्रा शुरू होने से कुछ दिन पहले मार्च के अंतिम सप्ताह में बस्तर से भाजपा के पूर्व मंत्री, विधायक रेलमंत्री से मिलकर रावघाट रेललाइन के मुद्दें पर चर्चा के लिए दिल्ली गए थे। ज्ञात हो कि पहले चरण में जगदलपुर से कोंडागांव के बीच बस्तर जिले के बीस गांवों के करीब साढ़े तीन सौ भू-स्वामियों की 149.314 हेक्टेयर निजी भूमि और कोंडागांव जिले में 11 राजस्व ग्रामों के 173 भू-स्वामियों की 66.12 हेक्टेयर निजी भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। बस्तर रेलवे प्रायवेट लिमिटेड की स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार अभी प्रथम चरण के लिए भी जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जा सका है।
प्रधानमंत्री की मौजूदगी में हुआ था एमओयू
रावघाट-जगदलपुर रेललाइन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में नौ मई 2015 को दंतेवाड़ा में आमसभा में एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे। 2016 में रेललाइन निर्माण के लिए बस्तर रेलवे प्रायवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी बनाई गई है। कंपनी में राष्ट्रीय खनिज विकास निगम, स्टील अथारिटी आफ इंडिया लिमिटेड, इरकान लिमिटेड और छत्तीसगढ़ शासन शामिल हैं।
अनियमितता की शिकायत
रावघाट-जगदलपुर रेललाइन के लिए जगदलपुर तहसील में भूमि का मुआवजा के निर्धारण में अनियमितता की शिकायत आई थी। मामला न्यायालय में है। इससे संबंधित जमीन अधिग्रहण से जुड़े दस्तावेज बस्तर रेलवे प्रायवेट लिमिटेड से मांगे गए हैं। दस्तावेज प्राप्त होने पर न्यायालय के दिशा निर्देशों के आधार पर जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई पर प्रकिया आगे बढ़ाई जाएगी।
अरविंद एक्का, अपर कलेक्टर जिला बस्तर।