जगदलपुर (विनोद सिंह)। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने बस्तर में प्रस्तावित अल्ट्रा मेगा स्टील प्लांट व रावघाट-जगदलपुर रेललाइन परियोजना से हटने का फैसला किया है। इसके पीछे खराब माली हालत वजह बताई जा रही है।
दोनों परियोजनाओं के लिए बनी ज्वाइंट वेंचर कंपनियों में सेल एक प्रमुख पार्टनर है। सेल के डायरेक्टर प्लानिंग एंड बिजनेस डॉ. गणेश विश्वकर्मा ने छत्तीसगढ़ के खनिज संसाधन विभाग एवं मुख्यमंत्री के सचिव सुबोध सिंह को पत्र भेजकर इस फैसले की जानकारी दी है। इन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं से सेल के हटने से बस्तर के विकास को तगड़ा झटका लग सकता है।
पत्र के मुताबिक जून-जुलाई 2017 को प्रधानमंत्री कार्यालय व इस्पात मंत्रालय में हुई बैठक में सेल अपनी खराब आर्थिक स्थिति से अवगत कराते हुए स्थिति साफ कर चुका है। 30 जून 2017 को सेल की बोर्ड मीटिंग में दोनों परियोजनाओं से हटने का फैसला हुआ। इसकी सूचना भी शासन को भेजे पत्र में दी गई है। नईदुनिया के पास पिछले महीने भेजे इस पत्र की प्रति भी है। उल्लेखनीय है कि 9 मई 2015 में दंतेवाड़ा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभा में सेल ने विभिन्न् कंपनियों के साथ एमओयू में हस्ताक्षर किए थे।
18 हजार 6 सौ करोड़ की हैं दोनों परियोजनाएं
बस्तर में करीब 16 हजार करोड़ रुपए के अल्ट्रा मेगा स्टील प्लांट के लिए सेल ने एनएमडीसी और छत्तीसगढ़ शासन के साथ एमओयू किया है। साथ ही 26 सौ करोड़ रुपए की रावघाट-जगदलपुर रेललाइन परियोजना में भी वह सहभागी है। दोनों परियोजनाएं करीब 18 हजार 6 सौ करोड़ रुपए की है।
रावघाट-जगदलपुर रेललाइन निर्माण के लिए बनी कंपनी बस्तर रेलवे प्रायवेट लिमिटेड (बीआरपीएल) को शुरुआती काम के लिए पौने 5 करोड़ रुपए की जरूरत है। कंपनी में हिस्सेदार एनएमडीसी व इरकॉन ने अपने हिस्से की रकम जमा करा दी है। सेल से 94 लाख रुपए की मांग की गई है, जिसे जमा करने में उसने असमर्थता जता दी है। ऐसे में सेल के स्थान पर नई कंपनी तलाशनी होगी या ज्ाॉइंट वेंचर की 2 कंपनियों को इंतजाम करना होगा।
रेललाइन प्रोजेक्ट में सेल की 21 फीसदी भागीदारी
जगदलपुर से रावघाट तक 142 किलोमीटर रेललाइन निर्माण पर 26 सौ करोड़ रु. लागत आएगी। इसमें से 1780 करोड़ रु. त्रट्ण होगा। बची राशि में एनएमडीसी की हिस्सेदारी 43 फीसदी (327 करोड़), इरकॉन की 26 फीसदी (198 करोड़), सेल की 21 फीसदी (160 करोड़) व छत्तीसगढ़ शासन की 10 फीसदी (76 करोड़) है।
छत्तीसगढ़ शासन इस्पात सचिव से करेगा चर्चा
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के मुख्य सचिव विवेक ढांड और भारत सरकार के इस्पात सचिव डॉ. अरुणा शर्मा के बीच इस मसले पर चर्चा के लिए जल्द बैठक होने वाली है।