
नईदुनिया प्रतिनिधि, जगदलपुर: शीर्ष माओवादी हिड़मा के मारे जाने के बाद माओवादी संगठन के भीतर अब मारे जाने का खौफ देखा जा रहा है। यह जानकारी आ रही है कि शीर्ष माओवादी आजाद, एर्रा समेत संगठन के कुल 37 सदस्य शनिवार को तेलंगाना डीजीपी शिवधर रेड्डी के सामने आत्मसमर्पण करने जा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वालों में संगठन के कई बड़े और प्रभावशाली कैडर शामिल हैं। बताया जा रहा है, इनमें केंद्र और राज्य समिति स्तर के कई सदस्य हैं, जो बस्तर में सक्रिय रहे हैं और यहां फोर्स का दबाव बढ़ने के बाद तेलंगाना भाग गए थे।
अधिकारियों का मानना है कि इतने बड़े स्तर पर आत्मसमर्पण से न सिर्फ माओवादी संगठन की ताकत कमजोर होगी, बल्कि क्षेत्र में शांति स्थापित करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा। सरकार और सुरक्षा बलों के लगातार प्रयासों और सार्थक कदमों से देश में माओवाद अब अपने अंतिम सांसे गिन रहा है।
पिछले कुछ समय में बसव राजू, हिड़मा जैसे बड़े माओवादी नेताओं की मौत और 1600 से अधिक छोटे-बड़े माओवादी नेताओं के सरेंडर करने के बाद यह विचारधारा बिलकुल सिमटती जा रही है। केंद्र सरकार की ओर से मार्च 2026 तक देश के माओवाद को पूरी तरह जड़ से समाप्त कर देने की घोषणा की गई है। उस दिशा में लगातार प्रयास जारी है।
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कुख्यात माओवादी नेता और कमांडर हिड़मा के इनकाउंटर में मारे जाने के बाद अन्य माओवादियों में खौफ हो गया है। कुछ दिनों पहले सुकमा और आंध्र प्रदेश की सीमा पर हुए मुठभेड़ में सुरक्षा बल के जवानों ने 13 माओवादियों को ढेर कर दिया था। जिसमें हिड़मा, शंकर हिड़मा की पत्नी ज्योति सहित कई बड़े नेता शामिल थे।