जगदलपुर। साल वृक्षों के नीचे उपजने वाला बोड़ा, जिसे बस्तरिया मशरूम कहा जाता है। इन दिनों सबसे महंगी सब्जी में शुमार है। बुधवार को एक किलो बोड़ा की कीमत एक हजार रूपये प्रति किलो रही। दरअसल बोड़ा प्रारंभिक बारिश के समय साल वृक्षों की जड़ के पास उपजने वाला मशरूम है। और इसे कृत्रिम तरीके से नहीं उगाया जा सकता इसलिए बाजार में पहुंचते ही इसे खरीदने होड़ मच जाती है और लोग मुंह मांगे दाम पर खरीदते हैं। इन दिनों बस्तर के विभिन्ना बाजारों में कोंडागांव, फरसगांव, माकड़ी, मर्दापाल क्षेत्र से बोड़ा की आवक हो रही है।
बोड़ा को विभिन्ना पौष्टिक तत्वों से परिपूर्ण माना जाता है। फाइबर से लेकर प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम आदि तत्व इसमें पाए जाते हैं। चिकित्सक भी अन्य मशरूम की तरह बोड़ा को स्वास्थ्य के लिए गुणकारी बताते हैं। बोड़ा, प्रतिवर्ष पहली बारिश के साथ जून महीने के पहले सप्ताह से बाजार में आना प्रारंभ हो जाता है। लोग इस सब्जी के दीवाने हैं इसलिए जैसे ही यह खबर फैलती है कि बाजार में बोड़ा आने लगा है। लोग खरीदने उमड़ पड़ते हैं। शुरुआत में 125 ग्राम बोड़ा की कीमत 200 से भी अधिक थी। इन दिनों बाजार में बोड़ा की आवक बढ़ गई है इसलिए एक किलो बोड़ा की कीमत 1000 रूपये तक है जबकि चिल्लर में आधा पाव (125 ग्राम) बोड़ा खरीदने पर दर डेढ़ सौ रूपये तक है। बाजार में ऐसी कोई सब्जी नहीं है जिसकी कीमत इतनी ऊंची हो।
पुराना, दुर्गंध वाला बोड़ा न बिके
बोड़ा बस्तरिया मशरूम के नाम से चर्चित है और साल में एक बार कुछ दिन ही बाजार में बेचने लाया जाता है। कई लोग स्वाद के चलते बोड़ा को सूखाकर रखते हैं। नगर निगम के सफाई विभाग के सभापति कैलाश नाग बताते हैं कि इस बात की निगरानी रखी जा रही है कि बाजार में पुराना, दुर्गंध वाला बोड़ा न बिके। दूषित बोड़ा को खाने से लोगों को डायरिया, बुखार हो सकता है। ऐसे बोड़ा को जब्त का नष्ट करने की कार्यवाही भी नगर निगम द्वारा की जा रही है।