नईदुनिया प्रतिनिधि, जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में पिछले 12 घंटों से लगातार मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। जगदलपुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों में नदी-नाले उफान पर हैं, जिससे नेशनल हाइवे-30 बंद हो गया है। केशलूर के पास सड़क पर 2-3 फीट पानी बह रहा है, जिससे सैकड़ों वाहन फंस गए हैं। सुकमा के झीरम नाले में एक कार बह गई, लेकिन ग्रामीणों ने चार लोगों को सुरक्षित बचा लिया। बीजापुर में भी एक पिकअप वाहन बाढ़ में फंसा, पर सभी यात्री सुरक्षित हैं। इंद्रावती, शंखनी, और डंकनी नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर पर है, जिससे कई गांव टापू बन गए हैं।
बीजापुर जिले में देर रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारी बारिश के चलते चेरपाल नदी में आई बाढ़ की वजह से करीब 100 गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है।
बाढ़ के कारण आवागमन बंद है। जानकारी के मुताबिक चेरपाल नदी में रपटा पार करते समय एक ग्रामीण के बह जाने की खबर भी सामने आई है। स्थानीय प्रशासन राहत एवं बचाव कार्य में जुट गया है। उफनती नदी और लगातार बारिश के कारण जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया हैं।
नदी के दोनों छोर पर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है। एहतियातन नदी के किनारे बसे घरों को खाली करवाया जा रहा है और प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी के आसपास न जाएं।
प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने और अफवाहों से बचने की सलाह दी है। मौसम विभाग के अनुसार, आगामी 24 घंटों में और अधिक बारिश की संभावना जताई जा रही है। वही दूसरी ओर इंद्रावती नदी के मरकापाल घाट में फंसे ग्रामीण कृष्णा जुर्री को एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू सकुशल निकाल लिया है।
बीजापुर जिले के विभिन्न तहसीलों में औसत वार्षिक वर्षा की स्थिति पर नजर डाले तो
बीजापुर: 74.5%
गंगालूर : 80.2%
भैरमगढ़: 68.3%
कुटरू : 75.2%
भोपालपटनम: 50.5%
उसूर: 72.7%
वही जिले में हुई औसत वर्षा अब तक वर्षा का 70.6% दर्ज किया गया है।
इंद्रावती नदी का जलस्तर
वर्तमान जलस्तर: 5.520 मीटर
खतरे का स्तर: 12.50 मीटर मापा गया है।
इधर डंकनी नदी उफान पर होने की वजह से दन्तेवाड़ा स्थित पुराना पुल दोपहर में डूब गया। वहीं नदी किनारे स्थित बालूद व बालपेट गांव की निचली बस्तियों में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई, जिससे कुछ मकानों को खाली करवाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। बारसूर, रोजे, मटेनार समेत कई गांवों में सड़क के ऊपर से बाढ़ का पानी बहने की सूचना है। कटेकल्याण मार्ग पर पोंदुम व गाटम का पुल डूबने से यातायात बाधित हुआ है।
नईदुनिया न्यू, सुकमा। पिछले 16 घंटे से अधिक लगातार तेज बारीश के चलते जिले के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात निर्मित हो गए है। साथ ही कई जगहों पर आवागमन ठप्प हो गया है। सुकमा से जगदलपुर मार्ग पर स्थित झीरम में दो जगहों पर सड़कों में पानी आ जाने से यातायात ठप्प हो गया। साथ ही मलेंगर नदी भी उफान पर है, जिससे आगवामन ठप्प हो गया। वही तुंगलबांध का पानी नगर पालिका क्षेत्र में घुस गया और भाजपा कार्यालय के सामने सड़क पर पानी भर गया। हालांकि बाद में नगर पालिका टीम ने पानी का निकासी हेतु प्रयास किया और जलभराव कम हुआ। साथ ही शबरी नदी भी उफान पर है।
पहाड़ियों और खेतों का पानी एकाएक मारेंगा नदी में आ गया, जिसके बाद वहां बाढ़ के हालात बन गए। लोग कुछ समझ पाते तब तक पानी घरों के भीतर घुस गया। और देखते ही देखते दो घर पानी के जद में आ गए और उन घरों को नुकशान पहुंचा। बाकी पांच घरों में कुछ ज्यादा नुकशान नहीं पहुंचा। इसके अलावा छिन्दगढ़ ब्लाक के कई गांवों की सड़कों पर बने पुल के आसपास मिट्टी बह जाने से बड़े कटाव हो गए है। कई पुल क्षतिग्रस्त हो गए है। जिसके कारण कई गांवों का संर्पक टूट गया है।
जिला प्रषासन ने बाढ़ से निपटने के लिए जिला स्तर और ब्लाक स्तर पर बाढ़ नियत्रंण कक्ष बनाया है जहां 24 घंटे अधिकारियों को तैनात किया गया है। जिसमें 07654-284012 और मोबाइल नंबर 9406378846 आपात काल के लिए नंबर जारी किए गए। साथ ही नोडल से लेकर ब्लाक स्तर पर अधिकारियों की डयूटी लगाई गई। ताकि किसी भी स्थिति में जनता को तत्काल मदद मिल सके।
बाढ़ की सूचना के बाद पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी मारेंगा पहुंचे। जहां उन्होने प्रभावित गांवों का दौरा किया और ग्रामीणों से बातचीत की साथ ही बाढ़ से होने वाले नुकषान के बारे में जानकारी ली। इसके अलावा लोगो को सर्तक रहने की सलाह दी। वही नगर पालिका क्षेत्र में नगर पालिका अध्यक्ष हुंगाराम मरकाम व उपाध्यक्षा श्रीमति भुनेश्वरी यादव ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया और नपा की टीम लगातार बचाव कार्य कर रही है।