जांजगीर-चांपा (नईदुनिया न्यूज)। जिले में तीन चरणों में जन्म-मृत्यु पंजीयन प्रक्रिया पूर्णतः कम्प्यूटरीकृत कर दी गई है। ग्रामीण, नगरीय स्थानीय निकायों और सभी स्तर के शासकीय चिकित्सा केन्द्रों में घटित होने वाली जन्म-मृत्यु की घटनाओं में संबंधित रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) के द्वारा भारत शासन, गृह मंत्रालय अंतर्गत भारत के महारजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा संधारित वेबसाईट पर पंजीयन के बाद कम्प्यूटरीकृत प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं। पूर्व प्रचलित हस्तलिखित, मैनुअल प्रमाण-पत्र अब कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में ही जिला रजिस्ट्रार के द्वारा दिए जाएंगे।
उप संचालक एवं जिला रजिस्ट्रार पायल पांडेय ने बताया कि कुछ योजनाओं विशेष रूप से श्रम विभाग में संचालित योजनाओं एवं बैंकिंग तथा बीमा संबंधी कार्यों के लिए कम्प्यूटरीकृत मृत्यु प्रमाण-पत्रों से मिलते-जुलते अवैधानिक प्रमाण-पत्र तैयार कर संबंधित संस्थाओं में लाभ लेने के लिए प्रस्तुत किये गये हैं। कर्वधा श्रम कार्यालय में एक मृत्यु प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर उसे जांजगीर से जारी बताया गया है। यहां उसकी जांच हुई तो उक्त प्रमाणपत्र अवैध पाया गया। इस पर कार्रवाई की जा रही है। इस संबंध में शासकीय कार्यालयों, संस्थाओं एवं इकाईयों को बताया गया है कि भारत सरकार के पोर्टल से जारी होने वाले प्रमाण-पत्रों के वैधानिकता की जांच वे स्वयं अपने स्तर पर मोबाईल में क्यूआर एवं कोड स्कैनर मोबाईल एप के माध्यम से कर सकते हैं। इसके लिए गूगल प्ले स्टोर से एप डाउनलोड करने के बाद जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र में अंकित क्यू आर एवं बार कोड को स्कैन करने पर प्रमाण-पत्रों की छवि दिखाई देती है। जो प्रस्तुत किये गये प्रमाण पत्र के समान हो तो उसे वैधानिक प्रमाण-पत्र माना जा सकता है। यदि प्रस्तुत प्रमाण-पत्र एवं स्कैन करने पर एप में प्राप्त छवि में भिन्नाता हो तो उसे अवैधानिक प्रमाण-पत्र समझा जाए। इस आसान प्रक्रिया से सभी शासकीय विभाग एवं विभिन्ना बीमा एवं बैंकिंग संस्थाएं आदि द्वारा प्रस्तुत प्रमाण-पत्रों की वैधानिकता की जांच आसानी एवं शीघ्रता से जांच कर सकते हैं। पूर्णतः संतुष्ट होने के लिए जारीकर्ता रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) के कार्यालय से इस तथ्य की पुष्टि करायी जा सकती है।