जांजगीर - चांपा । आंवला नवमीं के साथ मंगलवार से वनभोज का सिलसिला शुरू हो गया। हनुमान धारा व केराझरिया, शिवरीनारायण सहित जिले भर के पिकनिक स्थलों में वन भोज करने वालों की भीड़ रही। श्रद्धालुओं ने अलसुबह से नदी में स्नान कर मंदिरों में की पूजा अर्चना की।
आवंला नवमीं के अवसर पर चांपा के हसदेव नदी के डोंगाघाट, महादेव घाट, तपसीबाबा घाट, शिवरीनारायण महानदी के किनारे बड़ी संख्या में लोग पिकनिक मनाने पहुंचे थे। साथ ही पोड़ी दल्हा, हनुमान धारा, केराझरिया, मदनपुरगढ़, सहित अन्य पिकनिक स्थानों में मेला जैसे माहौल रहा। अलग - अलग टोलियों में लोग वन भोजन के लिए लोग पिकनिक स्थानों में पहुंचे थे। सुबह से लोग वन के लिए अपना स्थान सुरक्षित रखने पहुंचे थे। शहर में बहुत से लोगों ने समूह में घर के आंगन में लगे आंवला पेड़ के नीचे भी भोजन किया।
हनुमान धारा व तपसी बाबाधाम केरा झरिया दर्शनीय व पिकनिक स्थान के रुप में विकसित होते जा रहा है। पिकनिक मनाने आने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। आम दिनों में भी लोक यहां पिकनिक मनाने आते हैं लेकिन आंवला नवमीं पर अच्छी भीड़ रही। हनुमान धारा में भी लोग पिकनिक मनाने पहुंचे थे। तपसी धाम केराझरिया में भी पिकनिक मनाने आए लोगों की अच्छी भीड़ थी। जिला मुख्यालय जांजगीर के जिज्ञासा उमावि में भी शिक्षको और बच्चों ने आंवला नवमीं पर भोज का आनंद लिया ।
आंवला पेड़ की पूजा के बाद की जाती है भोज
अक्षय नवमी के दिन महिलाएं आंवला वृक्ष का पूजन करती है, एवं उसकी छांव में भोजन करने की प्राचीन परंपरा है। इसके पीछे प्रकृति का औषधि गुणों से भरपूर आंवला पेड़ के नीचे अमृत वर्षा होने की भी बात प्रचलित है। इस वृक्ष के नीचे भगवान विष्णु की पूजा - अर्चना करने से निश्चित ही मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।