
जांजगीर-चांपा (नईदुनिया न्यूज)। सक्ती क्षेत्रवासियों की बहुप्रतीक्षित मांग पूर्ण होने से लोगों में उत्साह है। हालांकि अभी नए जिला का खाका तैयार नहीं हुआ है पर जांजगीर-चांपा जिले के चार ब्लाक सक्ती, मालखरौदा, जैजैपुर और डभरा को मिलाकर जिला बनाया जा सकता है। इस तरह नवगठित जिले में 295 पंचायत और 458 गांव होंगे।
अविभाजित मध्यप्रदेश के समय में तहसील रहे सक्ती को जिला बनाने की घोषणा 15 अगस्त को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने करते हुए उस क्षेत्रवासियों को बड़ी सौगात दी है। जिला बनने से जहां डभरा और जैजैपुर के गांवों तक प्रशासनिक पकड़ मजबूत होगी, वहीं विकास भी होगा। वर्तमान जांजगीर-चांपा जिले में 9 ब्लाक नवागढ़, पामगढ़, अकलतरा, बम्हनीडीह, बलौदा, सक्ती, मालखरौदा, जैजैपुर, डभरा शामिल हैं। इसी तरह जिले में 657 ग्राम पंचायतें हैं। वहीं चार नगर पालिका जांजगीर-नैला, चांपा, अकलतरा व सक्ती है, जबकि 11 नगर पंचायत नवागढ़, शिवरीनारायण, खरौद, रहौद, बलौदा, सारागांव, बाराद्वार, जैजैपुर, अड़भार, डभरा व चंद्रपुर हैं। सक्ती में 4 ब्लाक मालखरौदा, डभरा, जैजैपुर व सक्ती को शामिल किए जाने की चर्चा है। इस तरह नए जिले में 295 ग्राम पंचायत, 458 गांव, एक नगर पालिका सक्ती और 5 नगर पंचायत बाराद्वार, अड़भार, जैजैपुर, डभरा व चंद्रपुर शामिल होंगे। नए जिले में दो अनुविभाग सक्ती व डभरा है। मालखरौदा को नया अनुविभाग बनाने प्रस्ताव भेजा गया है, जबकि सक्ती, मालखरौदा, जैजैपुर, डभरा मिलाकर चार तहसील है और अड़भार को नया तहसील बनाने की घोषणा की गई है। चंद्रपुर की दूरी जांजगीर जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर से अधिक है। ऐसे में सक्ती जिला बनने से न केवल लोगों को विकेंद्रीकरण का लाभ मिलेगा, बल्कि प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। विकास की गति में भी तेजी आएगी। इस जिले में विधानसभा की संख्या भी तीन रहेगी। इस तरह आधे विधानसभा क्षेत्र जांजगीर-चांपा जिले के हिस्से में आएंगे।
कांग्रेस विधायक विहीन हो जाएगा जांजगीर-चांपा जिला
सक्ती के नया जिला बन जाने से कांग्रेस के दो विधायक डा. चरणदास महंत व रामकुमार यादव उस जिले के विधायक होंगे। जैजैपुर में बसपा के विधायक केशव चंद्रा हैं, जबकि जांजगीर चांपा जिले में भाजपा के दो विधायक नारायण चंदेल व अकलतरा से सौरभ सिंह हैं। वहीं पामगढ़ में बसपा के विधायक इंदु बंजारे हैं। इस तरह यह जिला कांग्रेस विधायक विहीन हो जाएगा।
छग की सबसे छोटी रियासत थी सक्ती
आजादी के पहले छत्तीसगढ़ के 14 रियासतों में सक्ती सबसे छोटा रियासत थी। इस रियासत के राजाओं का राजनीति में अहम योगदान शुरू से रहा है। अविभाजित मध्यप्रदेश में राजा सुरेंद्र बहादुर मंत्री थे और 5 दशक तक राज परिवार का कब्जा रहा। आजादी के बाद 50 साल तक यहां की सियासत में रियासत का दखल रहा। 1952 के पहले आम चुनाव में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर राज परिवार के लीलाधर सिंह निर्दलीय चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे थे। इसके बाद 1998 के चुनाव में लवसरा के सरपंच रहे मेघाराम साहू ने राज परिवार के राजा सुरेंद्र बहादुर को पराजित किया और राजनीति में महल का वर्चस्व कम होता गया। वर्तमान में यहां कांग्रेस के डा. चरणदास महंत यहां के विधायक हैं जो विधानसभा के अध्यक्ष भी है।
प्रस्तावित नए जिले के ब्लाकों में पंचायत व गांवों की संख्या
ब्लाक ग्राम पंचायत गांव
मालखरौदा75109
डभरा85124
सक्ती71123
जैजैपुर74102
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योग295458
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