Janjgir-Champa News: जांजगीर-चांपा(नईदुनिया न्यूज)। जिले के गोविंदा गांव के किसान गोविंद जायसवाल खेती में नित नवाचार के लिए जाने जाते हैं। अभी तक आपने सपुेद और पीले मक्के के बारे में ही सुना होगा। मगर इस बार उन्होंने 30 डिसमिल जमीन पर लाल मक्के की खेती की है। इसका बीज उन्होंने महाराष्ट्र के सोलापुर से मंगवाया है। उन्होंने बताया कि इसमें प्रोटीन की मात्रा 10.5 प्रतिशत है जो सामान्य मक्के से ढाई प्रतिशत अधिक है। आहार में इसे शामिल करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। गोविंद बताते हैं कि 30 डिसमिल की खेती में पांच हजार रुपये का खर्च आया है। यह आम मक्के से अधिक पैदावार देता है। इससे लगभग 12 हजार रुपये की आय होने की उम्मीद है। दो महीने में फसल तैयार हो जाएगी।
जिले के बम्हनीडीह ब्लाक के ग्राम गोविंदा के युवा किसान गोविंद जायसवाल ने एक बार पिुर नवाचार करते हुए प्रयोग के तौर पर अपने घर की बाड़ी में लाल मक्के की खेती की है। उन्होंने 30 डिसमिल में लाल मक्के की खेती की है। नवंबर महीने के अंतिम सप्ताह में क्यारी बनाकर मक्के के बीज लगाए थे। जिसके पौधे तैयार हो चुके हैं और इस माह के अंत तक पुसल तैयार हो जाएगी। किसान गोविंद जायसवाल ने बताया कि वह यूट्यूब के माध्यम से खेती के नए नए तकनीक के साथ साथ कई तरह के उपज की जानकारी हासिल करते हैं। यूट्यूब से उन्हें लाल मक्के की बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने इसके उत्पादन की सोची और सोलापुर से बीज मंगाकर बाड़ी में लगाया है।
उन्होंने बताया कि इसमें प्रोटीन की मात्रा 10.5 प्रतिशत है जो सामान्य मक्के से ढाई प्रतिशत अधिक है। आहार में इसे शामिल करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। गोविंद बताते हैं कि 30 डिसमिल की खेती में पांच हजार रुपये का खर्च आया है। यह आम मक्के से अधिक पैदावार देता है। इससे लगभग 12 हजार रुपये की आय होने की उम्मीद है। गोविंद जायसवाल इससे पहले नवाचार के तौर पर गर्मी के दिनों में पीला तरबूज और चाइनीज पत्ता गोभी की खेती भी कर चुके हैं।