Janjgir News: सरपंच की हत्या, 20 घन्टे से चक्काजाम जारी, रातभर टेंट के नीचे डटे रहे स्वजन और ग्रामीण
Janjgir News: उनका आरोप है कि इस मामले में तहसीलदार और डायल 112 के पुलिस कर्मियों की लापरवाही से यह वारदात हुई है।
By Yogeshwar Sharma
Edited By: Yogeshwar Sharma
Publish Date: Mon, 13 Dec 2021 10:57:40 AM (IST)
Updated Date: Mon, 13 Dec 2021 10:57:40 AM (IST)

जांजगीर चाम्पा Janjgir News: जिले में भुतहा गांव के सरपंच की रविवार को दिनदहाड़े पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है। इस मामले में सरपंच के स्वजन ने आधा दर्जन से ज्यादा लोगों के संलिप्त होने का आरोप लगाया है।
घटना के बाद आक्रोशित स्वजन व ग्रामीणो ने बीरभांठा चौक के पास सक्ती-छपोरा मार्ग पर सरपंच का शव रखकर चक्काजाम कर दिया। स्वजन और ग्रामीण पिछले 20 घन्टे से 50 लाख मुआवजा, तहसीलदार और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई और आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़क पर शव रखकर चक्काजाम कर रहे हैं। आंदोलन कारियों ने टेंट के नीचे ही रात गुजारी।
आज दूसरे दिन भी चक्काजाम जारी है। पुलिस और प्रशासन के जिलास्तर के कोई बड़े अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे हैं। एसडीएम और एसडीपीओ ही समझाइश दी रहे हैं। मगर आंदोलनकारियों पर उनकी समझाइश का कोई असर नहीं हो रहा है। वे अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। उनका आरोप है कि इस मामले में तहसीलदार और डायल 112 के पुलिस कर्मियों की लापरवाही से यह वारदात हुई है।
जानकारी के अनुसार मालखरौदा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत भुतहा के आश्रित ग्राम छोटे रबेली में लगभग 40 से 50 एकड़ सरकारी जमीन पर गांव के कुछ लोगों ने अतिक्रमण किया है। तहसीलदार द्वारा शिकायत मिलने पर धान की खड़ी फसल की जब्ती बनाकर उसकी कटाई अतिक्रमणकारियों को नहीं करने का निर्देश दिया था, मगर रविवार की सुबह लगभग 11 बजे सरपंच द्वारका प्रसाद चंद्रा (50) पिता स्व. फंदू लाल चंद्रा को पता चला कि अतिक्रमणकारी प्रशासन द्वारा जब्त धान की कटाई करा रहा है। तो उन्होंने तहसीलदार को फोन किया। तब तहसीलदार ने डायल 112 को भेजने की बात कही कुछ देर बाद डायल 112 की टीम मौके पहुंची और सरपंच को मोबाइल पर सूचना दी गई कि पहुंच चुके हैं तब सरपंच और विक्रम प्रताप मरावी खेत के पास पहुंचे और बेजाकब्जाधारियों को फसल काटने से मना किया, तब वाद विवाद बढ़ गया ।
स्थिति को बिगड़ते देख सरपंच ने डायल 112 को तहसीलदार का आदेश दिखाया। मौके पर डायल 112 की टीम की उपस्थिति में ही अतिक्रमणकारियों ने सरपंच से झूमाझटकी शुरू कर दी। स्थिति बिगड़ते देख डायल 112 के पुलिसकर्मियों ने इसकी सूचना उच्चाधिकारी को देने के बजाय वहां से लौट गए और चश्मदीद विक्रम प्रताप मरावी ने बताया कि बेजाकब्जाधारी पलटन और उसके दो बेटे, अमृत लाल मधुकर और बोर्रा मधुकर तथा दोनों के बेटों ने शाकब, राड, सरिया और डंडे से सरपंच पर ताबड़तोड़ प्रहार किया। बीच बचाव की कोशिश में विक्रम प्रताप को भी मामूली चोटें आई है। गंभीर हालत में सरपंच कोसीएचसी मालखरौदा में भर्ती कराया गया मगर वहां से बिलासपुर ले जाते समय रास्ते में इनकी मौत हो गई।
इस घटना के बाद ग्रामीणों की भीड़ लग गई और दोपहर 2 बजे वहां से शव को लाकर बीरभांठा चौक मालखरौदा में चक्काजाम कर दिया। जिला सरपंच संघ भी उनके साथ है । उनकी मांग है कि लापरवाह पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया जाये व तहसीलदार मालखरौदा अश्वनी चंद्रा को निलंबित किया जाये। इसके अलावा मृतक के स्वजन को 50 लाख रूपए मुआवजा देने की मांग भी ग्रामीण कर रहे हैं। मौके पर एसडीओपी, थाना प्रभारी और स्थानीय अधिकारी पहुंचकर घंटों समझाईश देते रहे मगर वे नहीं माने। शाम 7 बजे वे टेंट लगाकर धरने पर बैठ गये। 20 घन्टे बिट जाने के बाद भी चक्काजाम जारी है। सरपंचों में राजस्व विभाग के खिलाफ भी आक्रोश है कि वे जब भी बेजाकब्जा की सूचना देते हैं या हटाने का आवेदन देते हैं तो उन्हें घुमाया जाता है। साथ ही मामला को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।
आंदोलनकारियों को समझाइश दी जा रही है मगर वे मान नहीं रहे है। अब तक किसी ने एफआइआर नहीं कराई है। स्वजन को भी रिपोर्ट दर्ज कराने कहा जा रहा है।
मो. तस्लीम आरिफ
एसडीओपी सक्ती