जांजगीर- चांपा । जिले के सभी मिडिल और हाईतथा हायर सेकेंडरी स्कूलों में अध्ययनरत छात्राओं को रानी लक्ष्मी बाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण इस बार 3 माह तक दिया जाएगा। इसके लिए जूडो कराटे, ताईक्वांडों, किक बाक्सिंग , मार्शल आर्ट के खिलाड़ियों से 11 सितंबर तक आवेदन भी मंगाया गया है। पहले यह प्रशिक्षण एक माह का होता था।रानी लक्ष्मी बाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण के तहत छेड़छाड़, अपहरण जैसी घटनाओं का सामना करने के लिए बेटियों को स्कूलों में कराटे का प्रशिक्षण पहले से ही दिया जा रहा है, लेकिन बिना हथियार के यह हमेशा कारगर नहीं होता।
इस बात को ध्यान में रखते हुए लड़कियों को3 माह तक नए तरीके से आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें छात्राओं को उनके पास उपलब्ध वस्तुओं को ही हथियार के रूप में उपयोग करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा योजना के तहत अब कराटे के साथ ही हथियार के रूप में चाबी की चेन, दुपट्टा, चुनरी, मफलर, बैग, पेन, पेंसिल, नोटबुक जैसे सामानों का उपयोग कैसे किया जा सकता है, इसका प्रशिक्षण लड़कियों कोदिया जाएगा। जिले में 744 मिडिल और 290 हाई व हायर सेकेंडरी मिलाकर कुल 1,034 स्कूलों की लगभग 40 हजार छात्राओं को यह प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है। इस बार यह प्रशिक्षण 3 माह तक दिया जाएगा। इसके लिए जूडो कराटे, ताईक्वांडों, किक बाक्सिंग , मार्शल आर्ट के खिलाड़ियों से 11 सितंबर तक आवेदन भी मंगाया गया है। संबंधित खिलाड़ी इस दिन शाम 5 बजे तक जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा जांजगीर के कार्यालय में आवेदन जमा कर सकते हैं।
पहले स्मार्ट गर्ल कार्यक्रम भी चलाया गया था
पहले भी राज्य के स्कूलों में बेटियों को आत्मरक्षा के कई तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है। अध्ययनरत बेटियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के लिए प्रदेशभर में स्मार्ट गर्ल कार्यक्रम भी चलाया गया था। इसके तहत 14 से 18 वर्ष तक की स्कूली छात्राओं को ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिए कई विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया था। इसके तहत सेल्फ अवेयरनेस, कम्युनिकेशन और रिलेशनशिप, आत्मरक्षा, च्वाइसेस एंड डिसीजन और फ्रैंडशिप एंड टेम्पटेशन का प्रशिक्षण दिया गया था।
पिछले वर्ष निभाई गई थी औपचारिकता
पिछले वर्ष कई स्कूलों में औपचारिक रूप से यह प्रशिक्षण दिया गया था। किसी स्कूल में 4 तो किसी में 6 दिन का प्रशिक्षण देकर खानापूर्ति कर दी गई थी। एक माह के प्रशिक्षण के लिए एक स्कूल को 5 हजार रूपए शासन की ओर से दिया गया था मगर नियमित रूप से प्रशिक्षण अधिकांश स्कूलों में नहीं हो सका था।
इस बार स्कूलों को मिलेंगे15 हजार
इस साल 90 दिन का प्रशिक्षण होगा इसलिए शासन ने राशि में भी वृद्धि की है। एक स्कूल को 3 माह का प्रशिक्षण के लिए 15 हजार के हिसाब से राशि दी जाएगी।
''''व्यक्तिगत प्रशिक्षक व पंजीकृत संघों को भी प्रशिक्षण की जिम्मेदारी दी जा सकती है। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 11 सितंबर है। चयन के लिए डिप्टी कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति भी गठित की गई है। चयनित सूची को रायपुर भेजा जाएगा।
राजकुमार तिवारी
डीएमसी, समग्र शिक्षा जांजगीर-चांपा