जशपुरनगर: प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने 50 परिवार के सैकड़ो लोगो के चरण पखार के कराया घर वापसी
उन्होंने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद नहीं होते तो पूरे भारत में धर्मांतरण हो जाता
By Manoj Kumar Tiwari
Edited By: Manoj Kumar Tiwari
Publish Date: Sun, 25 Dec 2022 04:05:38 PM (IST)
Updated Date: Sun, 25 Dec 2022 04:05:38 PM (IST)

जशपुरनगर। रविवार को पत्थलगांव के किलकिला शिव मंदिर प्रांगण में हिंदूत्व का विशाल सम्मेलन वरिष्ठ संतों व अखिल भारतीय घर वापसी प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव के नेतृत्व में आयोजित की गई। इसमें शुद्धि यज्ञ के बाद घर वापसी प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने सैंकड़ों लोगों का गंगाजल से चरण धोकर पुन: हिन्दू धर्म में वापसी कराई।
किलकिलेश्वेर धाम में क्षेत्रीय आर्य समाज, किलकिलेश्वर धाम ट्रस्ट,गायत्री परिवार, संत गहिरा समाज,अलेख महिमा, धर्मजागरण समन्वय छत्तीसगढ़ एवं विश्व हिन्दू परिषद बजरंग के संयुक्त तत्वाधान में हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया गया है। जिसमे स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती के 96 वें बलिदान दिवस पर संत सम्मलेन एवं विश्व कल्याण महायज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें माता पुजारी, जानीया, गुनिया, बैगा, गांवों के संत समेत भजन.कीर्तन मंडलियों से आए हिंदू समाज के लोग उपस्थित रहे।
घर वापसी प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने किलकिला मंदिर पहुंचकर भगवान शिव की आराधना कर मंदिर के वरिष्ठ पुजारी कपिलदास मुनि बाबा से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान मुनि बाबा ने उन्हें आशीर्वाद देते हुए कहा कि स्व दिलीप सिंह जूदेव द्वारा चलाए गए घर वापसी अभियान की कमान प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने हाथों में लेकर बड़ी ही निष्ठापूर्वक और प्रखरता से आगे बढ़ाया है।
सम्मेलन में प्रबल प्रताप सिंह जूदेव के साथ महंत कपिलदास मुनि बाबा,अध्यक्ष सनातन संत सभा कैलासगुफ़ा संत बर्बूरुवाहान महाराज,हिंदू आचार्य राकेश गुरुकुल तुरंगा,अखिल भारतीय संत समिति के अध्यक्ष छग महंत त्रिवेणीदास महाराज,आचार्य स्वामी अशोकानंद महाराज,राजकुमार चंद्रा,रोहित शास्त्री,उरांव समाज जिलाध्यक्ष डा बीएल भगत, सुरेंद्र बेसरा,दीपक शर्मा, कपिल शास्त्री उपस्थित थे। इस दौरान संतो ने अपने विचार रखे। साथ ही हिंदू सम्मेलन में शुद्धि यज्ञ के बाद घर वापसी प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने सैंकड़ों लोगों का गंगाजल से चरण धो कर पुन: हिंदू धर्म में वापसी कराया।
इस आयोजन में बड़ी संख्या में हिन्दू समाज के लोग उपस्थित थे। इस दौरान प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस सम्मेलन में उपस्थित लोगों का आभार जताते हुए कहा कि जब तक हमारे बिछड़ेे हिंदुओं की हम घर वापसी नहीं कराएंगे तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद नहीं होते तो पूरे भारत में धर्मांतरण हो जाता लेकिन उन्होंने अपना जीवन समर्पण कर दिया और हिंदुओं को एक करने के लिए हमेशा लगे रहे।
मेरे पिताजी स्व दिलीप सिंह जूदेव के इस घर वापसी के कार्यक्रम को मैं चलाता आ रहा हूं जिसमे मेरा साथ देने के लिए मैं आप सभी का आभारी हूं। उन्होंने कहा हिंदुत्व किसी जाति का नही राष्ट्रीयता का प्रतीक है इतिहास गवाह है जहां हिंदू घटा है देश बंटा है। इसीलिए हिंदू बचाना मंदिर बनाने से भी बड़ा कार्य है क्योंकि हिंदू ही मंदिर बनाएगा मंदिर हिंदू नही। सम्मेलन में उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि मैं विरोधियों को चुनौती देता हूं ये धर्मांतरण का घिनौना कार्य बंद कर दो अन्यथा इसका दूरगामी परिणाम विचारणीय होगा ।