Jashpur News:राजपरिवार के रणविजय सिंह ने भाजपा के सभी वाट्सएप ग्रुप छोड़े
पूर्व राज्यसभा सदस्य और जशपुर राजपरिवार के रणविजय सिंह जूदेव के भाजपा का सभी वाट्सएप ग्रुप छोड़ दिया है। प्रदेश कार्य समिति और घोषणा समिति से भी वे त्यागपत्र देने जा रहे हैं। भाजपा के दबंग नेता रहे स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव के भतीजे रणविजय ने पार्टी के सभी दायित्वों
By Yogeshwar Sharma
Edited By: Yogeshwar Sharma
Publish Date: Fri, 06 Oct 2023 07:49:50 PM (IST)
Updated Date: Fri, 06 Oct 2023 07:49:50 PM (IST)

जशपुरनगर । पूर्व राज्यसभा सदस्य और जशपुर राजपरिवार के रणविजय सिंह जूदेव के भाजपा का सभी वाट्सएप ग्रुप छोड़ दिया है। प्रदेश कार्य समिति और घोषणा समिति से भी वे त्यागपत्र देने जा रहे हैं। भाजपा के दबंग नेता रहे स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव के भतीजे रणविजय ने पार्टी के सभी दायित्वों से मुक्त होकर एक कार्यकर्ता की तरह काम करने की इच्छा जाहिर की है, लेकिन पर्दे के पीछे की सच्चाई यह है कि वे रायपुर उत्तर विधानसभा सीट से टिकट चाहते हैं इसके लिए उन्होंने दावेदारी भी की है, लेकिन उन्हें अब तक निराशा ही हाथ लगी है।
दरअसल राजपरिवार के दो अन्य सदस्य दिलीप सिंह जूदेव के दूसरे बेटे प्रबल प्रताप सिंह की कोटा सीट से और दिलीप सिंह जूदेव की सबसे छोटी बहू संयोगिता सिंह जूदेव की चंद्रपुर विधानसभा सीट से दावेदारी के बाद रणविजय की दावेदारी कमजोर हो गई है। पार्टी राजपरिवार के ही तीन लोगों को टिकट देने से बचना चाहती है। वहीं दूसरी ओर चर्चा यह भी है कि रणविजय सिंह जूदेव की नाराजगी को भुनाने के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी उनसे संपर्क कर रही है।
हालांकि रणविजय ने इससे इनकार करते हुए भाजपा नहीं छोड़ने की बात कही है। नईदुनिया से चर्चा में रणविजय सिंह जूदेव ने कहा कि उन्हें महसूस हो रहा है कि पार्टी में उनसे भी योग्य व्यक्ति मौजूद है। ऐसे लोगों को भी पार्टी संगठन में कार्य करने का अवसर मिलना चाहिए। इसलिए उन्होनें संगठन के सभी दायित्वों से मुक्त होकर सामान्य कार्यकर्ता के रूप में काम करने का निर्णय लिया है। आम आदमी पार्टी में जाने के विषय पर जूदेव का कहना था कि आम आदमी पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रभारी संजीव झा सहित दूसरे नेताओं से सामान्य मुलाकात होती रहती है। लेकिन अभी पार्टी छोड़ने का कोई विचार नहीं है।
उल्लेखनीय है कि संजीव झा ने इसी साल 1 फरवरी को जशपुर प्रवास के दौरान रणविजय सिंह जूदेव से उनके निवास आराम निवास पैलेस में मुलाकात की थी। बताया जाता है कि इस मुलाकात के दौरान संजीव झा ने जूदेव को आम आदमी पार्टी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। लेकिन जूदेव ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई थी।
छत्तीसगढ़ में रहा है जूदेव परिवार का वर्चस्व
छत्तीसगढ़ की राजनीति में अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से जशपुर राज परिवार का बोलबाला रहा है। राज परिवार के सदस्य दिलीप सिंह जूदेव ने मध्यप्रदेश के तात्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के खिलाफ खरसिया विधानसभा से उपचुनाव लड़ा था। 8 हजार वोट से यह चुनाव हारने के बाद भी विजय रैली निकालकर भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के नजर में आए। इसके बाद वे दो बार लोकसभा और तीन बार राज्य सभा से सांसद रहे। अटल बिहारी बाजपेयी सरकार में केन्द्रीय वन और पर्यावरण राज्यमंत्री भी रहे।
छत्तीसगढ़ में 2003 के विधानसभा चुनाव में उन्होनें तात्कालीन अजित जोगी सरकार को उखाडने के लिए मूंछ को दांव में लगा कर चर्चा में आए थे। 14 अगस्त 2013 को लीवर की गंभीर बीमारी से जूझते हुए मेदांता अस्पताल में दिलीप सिंह जूदेव का निधन हुआ था। उनके निधन के बाद 2013 के विधानसभा चुनाव में जशपुर जिले के तीनों विधानसभा सीट जशपुर ,कुनकुरी और पत्थलगांव से भाजपा को मिली जीत के बाद दिलीप सिंह जूदेव के भतीजे रणविजय सिंह जूदेव को पार्टी ने राज्यसभा में भेजा।
राज परिवार से रणविजय सिंह जूदेव के साथ दिलीप सिंह जूदेव की बड़ी बहू प्रियंवदा सिंह जूदेव,मंझले बेटे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव और सबसे छोटी बहू संयोगिता सिंह जूदेव भी राजनीति में सक्रिय है। दिलीप सिंह जूदेव के दो बेटे शत्रुजंय प्रताप सिंह जूदेव और युद्ववीर सिंह जूदेव का निधन हो चुका है।
वर्जन
मैने पार्टी में सामान्य कार्यकर्ता के रूप में सेवा करने के उद्देश्य से पार्टी के सभी वाट्सएप ग्रुप को छोड़ा है। जल्द ही प्रदेश कार्य समिति और घोषणा पत्र समिति से भी त्यागपत्र दे दूंगा। लेकिन भाजपा छोड़ने का कोई विचार मेरे मन में नहीं है।
रणविजय सिंह जूदेव,पूर्व सांसद