Jashpur News:चुनावी मौसम फिर गरमाया पत्थलगांव को जिला बनाने का मामला
पत्थलगांव जिला तो नहीं बना परंतु अब यह दोनों प्रमुख सियासी दलों के लिए राजनीति का पर्याय जरूर बनकर रह गया है। इसके विरोध में भाजयुमो ने सोमवार को विरोध प्रदर्शन करते हुए राहगीरों को लालीपाप थमाया। यह कांग्रेस सरकार द्वारा पत्थलगांव को जिला नहीं बनाने और चुनाव में वादा
By Yogeshwar Sharma
Edited By: Yogeshwar Sharma
Publish Date: Tue, 22 Aug 2023 08:41:35 PM (IST)
Updated Date: Tue, 22 Aug 2023 08:41:35 PM (IST)

पत्थलगांव । पत्थलगांव जिला तो नहीं बना परंतु अब यह दोनों प्रमुख सियासी दलों के लिए राजनीति का पर्याय जरूर बनकर रह गया है। इसके विरोध में भाजयुमो ने सोमवार को विरोध प्रदर्शन करते हुए राहगीरों को लालीपाप थमाया। यह कांग्रेस सरकार द्वारा पत्थलगांव को जिला नहीं बनाने और चुनाव में वादा कर लोगों के वोट लेने का विरोध प्रदर्शन था तो मंगलवार को कांग्रेस ने इसके विरोध में राहगीरों को केला बांटकर सरकार को किसानों का पेट भरने वाला बताया।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ को राज्य बनने के 23 वर्षों बाद भी पत्थलगांव जिला नहीं बन सका है। जबकि इसे लेकर जशपुर के जिला बनने से भी पूर्व से मांग उठती रही है। परंतु अविभाजित मप्र में रायगढ़ जिले की पुरानी तहसील जशपुर को जिला मुख्यालय की सौगात मिली। रायगढ़ और जशपुर दोनों के केंद्र पर स्थित पत्थलगांव को रायगढ़ जिले से काटकर जशपुर जिले का हिस्सा बना दिया गया।
रायगढ़ जितनी ही दूरी होने के साथ ही आवागमन की समस्याओं की कमी से पत्थलगांव क्षेत्र के लोगों की समस्याएं और बढ़ गईं। इसे देखते हुए पत्थलगांव को अलग से जिला बनाए जाने की मांग जोर पकड़ती गई। इसे लेकर लोगों ने प्रदर्शन और भूख हड़ताल और कई अन्य माध्यमों से राज्य शासन का ध्यानाकर्षण इस ओर कराया परंतु न लोगों की मांग प्रशासन ने सुनी और न ही लोगों की समस्याएं कम हुईं।
2013 के विधानसभा चुनाव से पूर्व विकास यात्रा में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भाजपा के प्रत्याशी को जीत मिलने पर पत्थलगांव को जिला बनाने का वायदा किया था। उस चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी शिवशंकर साय ने कांग्रेस के 7 बार के विधायक रहे दिग्गज नेता रामपुकार सिंह को चुनाव में हराकर बड़ा उल्ट फेर किया था। भाजपा की इस जीत को डा रमन सिंह की घोषणा का परिणाम माना गया। परंतु इसके बाद भी पत्थलगांव जिला नहीं बन सका। कांग्रेसियों ने इसके विरोध में क्रमिक भूख हड़ताल करते हुए पत्थलगांव को जिला बनाने की मांग की। वहीं यह 2018 के चुनाव में भी प्रमुख मुद्दा बन कर छाया रहा। इस चुनाव में परिणाम सर्वथा विपरीत आए और रामपुकार सिंह ने शिवशंकर साय पर 36 हजार से भी अधिक मतों से एक बड़ी जीत हासिल की।
इसे भाजपा की वादाखिलाफी और कांग्रेस द्वारा पत्थलगांव को जिला बनाने को लेकर दिए गए भरोसे का परिणाम माना गया। वहीं प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार बन गई जिसके बाद लोगों को पूरी उम्मीद थी कि पत्थलगांव जिला अवश्य बन जाएगा। प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी और 15 अगस्त को लोग पत्थलगांव को जिला बनाने की मुख्यमंत्री की घोषणा की बाट जोहते रहे। भूपेश बघेल ने एक के बाद एक कई जिलों की सौगात प्रदेश को दी जिनमें ऐसे भी नाम शामिल थे जिन्हें कभी भी जिला बनाए जाने की उम्मीद नहीं थी।
परंतु इससे इतर जिला बनने का सबसे प्रमुख दावेदार पत्थलगांव का नाम उनमें कभी सामने नहीं आया। बीते 15 अगस्त को भी इसकी घोषणा नहीं होने से यहां के लोगों में मायूसी देखने को मिल रही है। इसे देखते हुए भाजयुमो ने सोमवार को राहगीरों को लॉली पॉप थमाकर इसका विरोध जताया। उनका कहना है कि कांग्रेस ने जिला बनाने का वादा कर लोगों के वोट ले लिए और बाद में उन्हें लालीपाप थमा दिया।
कांग्रेस ने भी किया प्रदर्शन
सोमवार को भाजपाइयों के विरोध के बाद मंगलवार को बारी कांग्रेस की थी। धर्मशाला में आयोजित बीएलए प्रशिक्षण शिविर में भी भाजपाइयों का यह विरोध प्रदर्शन छाया रहा। इसके बाद ब्लाक अध्यक्ष हरगोविंद अग्रवाल के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने इंदिरा चौक पर पहुंचकर राहगीरों को केला बांटा। लालीपाप विरोध के लिए भाजपाइयों को आड़े हाथों लेते हुए ब्लाक अध्यक्ष हरगोविंद अग्रवाल ने कहा कि भाजपा केवल लालीपाप देकर 15 वर्षों तक लोगों के वोट लेती रही जबकि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने के साथ ही अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से किसानों और आम लोगों का पेट भरने का काम किया है। हालांकि उन्होंने एक बार फिर पत्थलगांव को जिला बनाने का कांग्रेस का संकल्प दोहराया।