
नईदुनिया न्यूज अंतागढ़। आमाबेड़ा तहसील में मतांतरण को लेकर चला आ रहा विवाद एक बार फिर हिंसक रूप ले लिया है। ग्राम पंचायत बड़े तेवड़ा से शुरू हुआ मामला शांत होता नजर आ रहा था, लेकिन रविवार को सुबह ग्राम पंचायत उसेली के आश्रित ग्राम पुसागांव में हुई तोड़फोड़ की घटना ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया।
जानकारी के अनुसार सुबह पुसागांव में ग्रामीणों की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें मतांतरित परिवारों से घर वापसी को लेकर चर्चा की गई। ग्रामीणों की अपील को मतांतरित परिवारों द्वारा ठुकराए जाने के बाद स्थिति अचानक बिगड़ गई। आक्रोशित ग्रामीणों ने गांव में रह रहे मतांतरित परिवारों के कुल 12 घरों और एक प्रार्थना गृह में जमकर तोड़फोड़ की। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस बल मौके पर पहुंचा। पुलिस ने हस्तक्षेप कर उपद्रवियों को खदेड़ा और हालात को काबू में लिया। फिलहाल गांव में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले शनिवार को तहसील मुख्यालय आमाबेड़ा स्थित गोंडवाना भवन में सर्व समुदाय की बैठक हुई थी, जहां समाज प्रमुखों ने क्षेत्र में अमन-शांति बनाए रखने की अपील की थी और स्पष्ट कहा था कि घर वापसी केवल स्वेच्छा और शांतिपूर्ण सामाजिक विधि-विधान से ही हो।
सर्व समुदाय अध्यक्ष मनऊ गोटा ने कहा कि हमने सभी से संयम बरतने की अपील की थी हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं है। जो भी परिस्थिति बनेगी, उस पर शासन-प्रशासन से चर्चा कर शांतिपूर्ण रास्ता निकाला जाएगा। रविवार की घटना ने न सिर्फ प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है, बल्कि क्षेत्र के सर्व समाज को भी झकझोर कर रख दिया है। अब सभी की नजरें प्रशासन की अगली कार्रवाई और शांति बहाली पर टिकी हैं।
घटना की जानकारी मिलती ही एसपी निखिल कुमार राखेचा, एसडीएम राहुल रजक, एडिशनल एसपी आशीष बंछोड़, एसडीओपी शुभम तिवारी घटना स्थल पर पहुंचे। जहां लगभग 200 की संख्या में पुलिस जवान गांव में तैनात किया गया है।
बड़े तेवड़ा और आमाबेड़ा में तीन चर्च को ग्रामीणों द्वारा तोड़ने की घटना के बाद से पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद दिखाई दिया। गांव के चौक-चौराहों में जगह-जगह बैरिकेड्स और जवान तैनात किया गया था। बोड़ागांव मोड़ और उसेली सहित अन्य चौक चौराहों पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं।
गांव में तोड़फोड़ की घटना के बाद गांव में सन्नाटा पसरा रहा। गांव की गली सुनसान रही। गांव के ग्रामीण घर के भीतर मौजूद थे। ग्रामीण घर से बाहर नहीं निकल रहे थे।
दो तीन घरों के खपरैल बाउंड्रीवाल में लगे खपरैल को तोड़ने का प्रयास किया गया। वहीं गांव में शांति व्यवस्था बनी हुई है- निखिल कुमार राखेचा, एसपी, कांकेर।