कांकेर। शासकीय भानुप्रतापदेव स्नातकोत्तर महाविद्यालय के परिसर में बिना अनुमति निर्माण कार्य शुरू किए जाने का मामला सामने आ रहा है। निर्माणकर्ता द्वारा महाविद्यालय परिसर में मुरूम डालकर सड़क निर्माण बनाया जा रहा है और इस संबंध में न तो प्राचार्य से अनुमति ली गई है और न ही उन्हें कोई सूचना दी गई है। मामले के सामने आने के बाद प्राचार्य द्वारा जांच के लिए पत्र लिखे जाने की बात कही जा रही है, तो वहीं दूसरी ओर छात्र संगठन भी कॉलेज की भूमि पर अतिक्रमण होने पर उग्र आंदोलन करने की बात कह रहे हैं।
पीजी कॉलेज परिसर के बाहर मुरूम डालकर समतलीकरण का कार्य किया जा रहा है। उसी से लगे भाग से कॉलेज की बाउंड्रीवाल के अंदर भी मुरूम डालने का कार्य किया गया है। कॉलेज के बाउंड्रीवाल के भीतर मुरूम डाले जाने से कालेज के भूमि पर अतिक्रमण का अंदेशा लगने लगा है। साथ ही महाविद्यालय परिसर में लगे पेड़ों के डगालों की कटाई भी बिना कॉलेज प्रशासन के अनुमति की जा रही है। हालाकि बताया जाता है कि कॉलेज की भूमि से लगी हुई कुछ निजी भूमि थी, लेकिन वह कॉलेज के क्षेत्र के बाहर बताई जा रही है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ आरके हिरकने से इस संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कॉलेज के तीस एकड़ से भी अधिक भूमि है, जिसके सीमांकन के लिए 14 फरवरी 2013 को तहसीलदार को पत्र लिखकर नक्सा, खसरा व सीमांकन की मांग की गई थी। जिस पर कार्यवाही नहीं होने की स्थिति में पुनः 25 अगस्त 2015 को तहसीलदार को इस संबंध में पत्र प्रेषित किया गया था और जिसकी प्रतिलिपि आयुक्त, कलेक्टर व अनुविभागीय अधिकारी को भी प्रेषित की गई थी। लेकिन इस संबंध में न तो कोई कार्यवाही हुई और न ही पत्र का जवाब मिला है। इसी बीच कॉलेज के भीतर मुरूम डालकर सड़कें निर्माण का कार्य किसी व्यक्ति द्वारा निजी तौर पर किया जा रहा है। सीमांकन के अभाव में यह स्पष्ट नहीं है कि कॉलेज की भूमि कहा तक विस्तृत है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जिला प्रशासन को पत्र लिखकर कॉलेज परिसर में हो रहे निर्माण कार्य को रोके जाने व शीघ्र सीमांकन कराए जाने की मांग की जाएगी।
अभाविप ने किया प्रदर्शन
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा कॉलेज परिसर में किए जा रहे सड़क निर्माण को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। जिला संयोजक मनीष जैन ने कहा कि अभाविप के द्वारा कॉलेज भूमि की सीमांकन की मांग को लेकर प्रभारी मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे को ज्ञापन सौंपा गया था, जिसके बाद उनके द्वारा मौखिक रूप से सीमांकन के निर्देश भी दिए थे, लेकिन अब तक सीमांकन कार्य नहीं किया गया है, जो खेद का विषय है। साथ ही जिससे सांठगांठ की संभावना भी बनती है। पुराने नक्से के आधार पर सीमांकन की कार्यवाही की जानी चाहिए। कॉलेज के भूमि पर किसी प्रकार का अतिक्रमण बर्दास्त नहीं किया जाएगा। यदि ऐसा होता है तो विद्यार्थी परिषद के द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान भूपेन्द्र नाग, अजितेश दत्ताराय, छात्रसंघ अध्यक्ष चिमनेश वलेचा, उपाध्यक्ष राधेश्याम कोड़ोपी, सचिव निकिता श्रीवास्तव, सह सचिव हेमंत मंडावी, नीरज देवांगन, किशोर साहू, अंजली साहू, घटोत्कछ नेताम, खेम बघमरिया, लोकेश साहू आदि मौजूद थे।
एनएसयूआई ने भी किया विरोध
एनएसयूआई के जिला महासचिव सुरेश नाग ने कहा कि कॉलेज की भूमि पर अतिक्रमण किया जाना उचित नहीं है। एनएसयूआई द्वारा इसका विरोध किया जाता है। यदि निर्माण कार्य नहीं रोका गया तो इसे लेकर भूख हड़ताल और उग्र आंदोलन किया जाएगा। प्रशासन को इस दिशा में शीघ्र कार्यवाही करनी चाहिए।
सीमांकन के लिए गठित की गई है टीमः एसडीएम
मामले में एसडीएम रेणुका श्रीवास्तव ने कहा कि कॉलेज की भूमि की सीमांकन के संबंध में आवेदन आने पर तहसीलदार की अध्यक्षता में दो आरआई व दो पटवारी की टीम गठित कर एक सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। महाविद्यालय परिसर में सड़क निर्माण के संबंध में जांच कराई जाएगी। यदि ऐसा होता है तो तत्काल कार्य रोकने के निर्देश दिए जाएंगे और सीमांकन के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।