
नईदुनिया प्रतिनिधि, कांकेर। जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र में पि में हुई हिंसक घटना के बाद अब एक नया और अहम मोड़ सामने आया है। क्षेत्र के बड़े तेवड़ा गांव में एक सप्ताह पहले हुए बवाल के बाद अब खुद चर्च के लीडर महेंद्र बघेल ने खुद ईसाई धर्म छोड़कर अपने मूल हिंदू धर्म में वापसी की है।
जानकारी के अनुसार, महेंद्र बघेल ने कांकेर स्थित शीतला मंदिर में सर्व समाज की उपस्थिति में विधिवत पूजा-अर्चना कर हिंदू धर्म को पुनः अंगीकार किया। इस दौरान उन्होंने अपने हाथों से रामायण लेकर सार्वजनिक रूप से हिंदू धर्म में वापसी करने की घोषणा की।
बता दें कि कुछ दिन पहले बड़े तेवड़ा और आमाबेड़ा गांव में ईसाई समुदाय और आदिवासी समाज के बीच तनाव बढ़ गया था, जिसके बाद वहां हालात बेकाबू हो गए थे। स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ गया था। इस घटना के दौरान कांकेर जिले के आईजी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सहित कई पुलिसकर्मी और ग्रामीण घायल हो गए थे।
वहीं अब अपने मूल धर्म में लौटने के बाद महेंद्र बघेल ने यह आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने षड्यंत्र करके गांव में अशांति फैलाने की कोशिश की थी, जिसके कारण यह पूरा बवाल हुआ। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में ईसाई धर्म अपना चुके अन्य लोग भी अपने मूल धर्म में लौट सकते हैं, जल्द ही अन्य लोगों की भी घर वापसी होगी। महेंद्र बघेल के अनुसार, आमाबेड़ा क्षेत्र के बड़े तेवड़ा गांव में अबतक लगभग 200 लोग मतांतरण कर चुके हैं।
यह भी पढ़ें- बिलासपुर में भोजन पर बुलाकर प्रार्थना सभा में मतांतरण का प्रयास, हिंदू संगठनों ने किया हंगामा, तीन गिरफ्तार
इधर, आमाबेड़ा की घटना और कथित मतांतरण के विरोध में सर्व समाज द्वारा 24 दिसंबर 2025 को प्रदेशव्यापी छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया गया है। इस बंद के लिए बुधवार को कांकेर के शीतला मंदिर परिसर में सर्व समाज की एक विशाल बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें बंद को सफल बनाने को लेकर रणनीति तैयार की गई।
शांतिपूर्ण होगा बंद
बैठक के दौरान सर्व समाज के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि यह बंद पूरी तरह शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक और संवैधानिक दायरे में आयोजित किया जाएगा। इसमें प्रदेश के विभिन्न सामाजिक, जनजातीय और नागरिक संगठनों की सहभागिता रहेगी।