
अंतागढ़ (निप्र)। विकासखंड के ग्रामीण इलाकों ने नक्सलियों ने बैनर-पोस्टर टांगकर व पर्चे फेंककर पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने तथा क्षेत्र के लौह अयस्क खदानों का विरोध करने का आह्वान ग्रामीणों से किया है। इसमें पंचायत चुनाव को झूठा करार देते हुए जल, जंगल और जमीन पर ग्रामीणों का हक होने की बात लिखी गई है। सर्चिंग पर निकली बीएसएफ व पुलिस की टीम ने ग्रामीण इलाकों से इस तरह के कई बैनर-पोस्टर व पर्चे जब्त किए हैं।
इन नक्सली पर्चों में ग्राम पंचायत चुनाव का बहिष्कार सहित रावघाट रेल लाइन रावघाट, चारगांव, पल्लेमाड़, बुधियारी माड़, कुव्वेमारी खदान का विरोध करने की बात किसकौड़ो एरिया कमेटी ने लिखी है। नक्सलियों ने कलगांव, पदबेड़ा, तालाबेड़ा, हवेचुर, सरण्डी सहित कोलर एरिया में भी इस तरह के बैनर-पोस्टर लगाए व पर्चे फेंके हैं। बैनर में लिखा है- गांव-गांव में क्रांतिकारी जनताना सरकार का निर्माण करेंगे। देश को बचाने के लिए जन आंदोलन में कूद पड़ो। पुलिस व बीएसएफ की टीम ने 28 जनवरी को प्रथम चरण के पंचायत चुनाव को देखते हुए इन इलाकों में सर्चिंग बढ़ा दी है। इस घटना के बाद से ग्रामीण इलाकों में दहशत बढ़ी हुई है।
प्रशासन के लिए चुनौती
इस बात की पुष्टि करते हुए पुलिस और बीएसएफ ने कहा है कि अंतागढ़ के समीपस्थ ग्राम कलगांव की सड़क किनारे बैनर-पोस्टर मिलने से प्रत्याशी व उनके समर्थक गांव-गांव जाकर प्रचार करने से कतराने लगे हैं। नक्सलियों को लेकर उनमें डर साफ नजर आ रहा है। वहीं चर्चा यह भी है कि पंचायत चुनाव के समय नक्सलियों के एकाएक अधिक सक्रिय हो जाने से प्रशासन के लिए भी विशेषकर अंदरूनी क्षेत्रों में चुनाव कराना किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
लाल कपड़े की जगह सफेद धोती में लिखा फरमान
अब तक नक्सलियों द्वारा अंदरूनी इलाकों में लाल कपड़े पर अपना फरमान लिखकर टांगा जाता रहा है लेकिन इन बैनर-पोस्टर में नक्सलियों ने लाल कपड़े के बजाय धोती के सफेद कपड़े का इस्तेमाल किया है। माना जा रहा है कि लाल कपड़े की खरीदी कर शहरी इलाके से ग्रामीण इलाकों में जाने के लिये नक्सलियों को जगह-जगह स्थापित बीएसएफ कैम्प व पुलिस की सर्चिग का सामना करना पड़ता। शायद इसी वजह से धोती का उपयोग बैनर-पोस्टर के लिए किया गया है।