चारामा। ग्राम रतेसरा में ग्रामीण युवा व स्कूली बच्चों ने गौरेया पक्षी और पर्यावरण संरक्षण के लिए पक्षी दाना व मिट्टी से बना पानी पात्र पेड़ों में बांधकर विश्व गौरेया दिवस व अंतरराष्ट्रीय वन दिवस मनाया। जहां उपस्थित सभी ने गौरेया पक्षी व अन्य पक्षियों व वन का संरक्षण करने का संकल्प लिया।
शासकीय माध्यमिक विद्यालय रतेसरा के शिक्षक धर्मेन्द्र कुमार साहू ने जागरूकता अभियान के तहत जानकारी दिया कि एक समय था जब हमारे घरों के आंगन में इन पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देती थी, लेकिन ये अब नजर नहीं आते। हमने बचपन में अक्सर अपने घर के आंगन में गौरैया को फुदकते देखा है। मगर अब यह जैसे गायब ही हो गई है गौरैया की संख्या में करीब 60 फीसदी तक की कमी दर्ज की गई है।
ऐसे में गौरेया की घटती संख्या को देखते हुए और इसके संरक्षण के लिए ही विश्व गौरैया दिवस मनाया जाने लगा। विश्व के कई देशों में गौरैया पाई जाती है। यह दिवस लोगों में गौरेया के प्रति जागरुकता बढ़ाने और उसके संरक्षण के लिए मनाया जाता है। बढ़ते प्रदूषण सहित कई कारणों से गौरैया की संख्या में काफी कमी आई है और इनके अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। गौरैया की संख्या लगातार कम होती जा रही है।
विश्व गौरैया दिवस मनाने का एक उद्देशय यह भी है कि हमारे युवा और प्रकृति के प्रति उत्साही लोगों को गौरैया से प्रेम करने और उनकी देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। वनों के बिना मानव जीवन ही नहीं बल्कि पशु-पक्षियों के जीवन की भी कल्पना नहीं की जा सकती है, इसलिए वनों का संरक्षण बेहद जरूरी है वनों की अंधाधुंध कटाई की वजह से पृथ्वी पर अब वन और उनमें रहने वाले जीव-जंतुओं के घर सिमटते जा रहे हैं। सभी को अपने घर में खुला स्थान पर दाना-पानी का पात्र रखना चाहिए, ताकि बेजुबान जीवों को दाना व पानी उपलब्ध हो पाए।
परिवार के प्रत्येक सदस्यों को अपने नाम से हर वर्ष एक पेड़ जरूर लगाना चाहिए, जिससे हमें आक्सीजन, फल,फूल व पक्षियों को घर मिल मिलता प्राथमिक विद्यालय एवं माध्यमिक विद्यालय के बच्चों ने गौरेया पक्षी एवं पेड़ पौधों का चित्र बनाकर संरक्षण का संदेश दिया एवं चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम स्थान व द्वितीय स्थान वाले प्रतिभागी को शाला परिवार के तरफ से उचित प्रोत्साहन दिया गया। इस अवसर पर प्रधानपाठक सीताराम सलाम, बिंदा खापर्डे, शिक्षकगण रामेश्वरी तारम, कुंती महावीर, उमेश कुमार, होमन ठाकुर ग्रामीण युवा नंदनी कुंजाम, कविता कुंजाम, मोनिका उसेंडी, लक्ष्मी साहू व स्कूली बच्चे उपस्थित थे।