नईदुनिया न्यूज, पखांजूर। क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था और मूलभूत सुविधाओं की स्थिति पर एक बार फिर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। जनपद पंचायत कोयलीबेड़ा के ग्राम अंजाड़ी की गर्भवती महिला जानो बाई बड्डे पति सोमाराम वड्डे को प्रसव पीड़ा होने पर ग्रामीणों ने चारपाई के सहारे नदी पार कर मुख्य सड़क तक पहुंचाया।
यहां से उन्हें महतारी एक्सप्रेस 102 में बिठाकर सिविल अस्पताल पखांजूर ले जाया जा रहा था लेकिन रास्ते में प्रसव हुआ और नवजात की मौत हो गई। स्वजन का आरोप है कि महतारी एक्सप्रेस 102 में इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन की अनुपस्थिति के कारण नवजात शिशु की मौत हो गई। उन्होंने इसे एंबुलेंस सेवा की घोर लापरवाही बताते हुए उचित कार्रवाई की मांग की है।
अंजाड़ी नदी पर पुल न होने के कारण हर वर्ष बारिश के दिनों में ग्रामीणों का संपर्क मुख्यालय से टूट जाता है। यही वजह रही कि मंगलवार को प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला को जंगल-पगडंडियों और नदी पार कराने के बाद ही मुख्य सड़क पर लाया जा सका। स्वजन ने महतारी एक्सप्रेस 102 को फोन कर मदद मांगी। एंबुलेंस ने महिला को अस्पताल ले जाने की कोशिश की, लेकिन प्रसव रास्ते में ही एंबुलेंस के भीतर हो गया। स्वजन का कहना है कि एंबुलेंस में प्रशिक्षित इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन मौजूद नहीं था। यदि समय रहते चिकित्सकीय मदद मिल जाती तो नवजात की जान बचाई जा सकती थी।
ग्रामीणों का हना है कि यह घटना सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि उस पूरे क्षेत्र की हकीकत है जहां हर साल बरसात में नदी का जलस्तर बढ़ने से लोग इलाज, राशन और अन्य सुविधाओं से वंचित हो जाते हैं। ग्रामीणों ने पुल निर्माण की मांग बार-बार की है, लेकिन अब तक उनकी अनदेखी की गई।
महिला को अस्पताल लाए जाने तक नवजात की मौत हो चुकी थी- डा. संजीव वैष्णव, बीएमओ।