
नईदुनिया न्यूज, अंतागढ़। कांकेर जिले के अंदरूनी वनांचल क्षेत्रों में मतांतरण को लेकर उपजा विवाद अब गंभीर सामाजिक तनाव का रूप लेता जा रहा है। आमाबेड़ा क्षेत्र के ग्राम पंचायत बड़े तेवड़ा में एक मतांतरित बुजुर्ग के अंतिम संस्कार को लेकर शुरू हुआ विवाद गुरुवार को हिंसक झड़प में बदल गया। हालात बिगड़ने पर प्रशासन ने दफनाए गए शव को बाहर निकलवाया। इसे कहां ले जाया गया है, इसकी अभी जानकारी नहीं है। उग्र ग्रामीणों ने तीन से चार चर्च में तोड़फोड़ और आग लगाने की कोशिश की। भीड़ के आगे पुलिस बेबस नजर आ रही है।
बुधवार को घटना के दौरान दो पक्षों के बीच जमकर पथराव हुआ, जिसमें कई पुलिसकर्मी और ग्रामीण घायल हो गए। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई है और भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
विवाद की शुरुआत सरपंच रजमन सलाम के पिता चमरू राम (70 वर्ष) के निधन के बाद हुई। परिजनों के अनुसार मृतक आदिवासी समाज से थे, लेकिन उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया था। आरोप है कि गांव में परंपरागत सहमति और अनुमति के बिना चुपचाप कफन-दफन कर दिया गया। इसकी जानकारी मिलते ही आदिवासी समाज उग्र हो गया और शव को बाहर निकालने की मांग पर अड़ गया। ग्रामीणों का कहना था कि मत परिवर्तन करने वाले व्यक्ति का अंतिम संस्कार गांव के पारंपरिक पूर्वजों के स्थल पर नहीं किया जा सकता। इसी मुद्दे पर तनाव बढ़ता गया और बुधवार को प्रशासन की मौजूदगी में दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए।
बुधवार को सर्व आदिवासी समाज, ईसाई समुदाय और भीम आर्मी से जुड़े सैकड़ों लोग मौके पर एकत्र हुए। पहले तीखी बहस हुई, फिर पक्की कब्र तोड़ने की मांग को लेकर विवाद हिंसा में बदल गया। हालात काबू से बाहर होते देख पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। इसी दौरान पुलिस पर पथराव हुआ, जिसमें जवान घायल हो गए।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, मतांतरितों के अंतिम संस्कार को लेकर विरोध के चलते अब तक चार मामलों में शवों का अंतिम संस्कार जिले की सीमा से बाहर कराना पड़ा है। इनमें दुर्गूकोंदल के कोड़ेकुर्से, बेवरती और ग्राम कुरना के मामले शामिल हैं।