कवर्धा। जिले में 10 बंदरों को गोली मारने का मामला आया है। जानकारी के अनुसार अपने फसल की सुरक्षा के लिए कुछ किसानों ने शिकारी को बुलवाया था, जिसके बाद शिकारी ने 10 बंदरों को (शिकार में उपयोग किए जाने वाले बंदूक) से गोली मार दी जिससे सभी बंदरों की मौत हो गई। मामला पिपरिया थाना क्षेत्र का है। मामले में वन विभाग ने जांच शुरू कर दी है।
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सभी बंदरों की पीठ पर गोली लगी और इसके कुछ ही देर में बंदरों की मौत हो गई। वन विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर एक बंदर के शव को पोस्टमार्टम के बाद दफना दिया है। बताया जाता है कि 9 बंदरों के शव को ग्रामीणों ने ही अलग-अलग जगहों पर दफना दिया है। वन विभाग के अनुसार बंदर की मौत गोली लगने से हुई है। अभी तक मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। इस संबंध में दिलराज प्रभाकर, डीएफओ ने बताया कि बंदरों को गोली मारने की जानकारी मिली है। मामले में जांच टीम का गठन किया है। बंदरों को गोली मारना बेहद गंभीर है। इसमें सजा का प्रावधान है। अगर बंदरों से किसी को कोई दिक्कत हो तो हमे बताएं। हम बंदर को पकड़ कर जंगल भेजेंगे। पूर्व में ऐसे कई बंदरों को जंगल छोड़ा गया था।
फसल को नुकसान पहुंचाते है बंदर
ग्रामीणों ने बताया कि वर्तमान में जंगलों में बारिश हो रही है, इस कारण ये बंदर मैदानी क्षेत्र में आते हैं। सब्जी, गन्नाा समेत अन्य फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। जिससे किसानों को होने वाला मुनाफा भी कम होता है। बंदरों से फसलों और नुकसान को बचाने के लिए खेतों में खुद रखवाली करने के साथ कुत्तों को बांधने का विकल्प ही उपलब्ध है। आतिशबाजी करना ज्यादा कारगर नहीं है।
कवर्धा शहर में भी मचाते हैं तांडव
इधर कवर्धा शहर में भी बंदरों का उत्पात है, लेकिन शहर के लोग बंदरों को किसी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचाते। उल्टे घर का कुछ खाने का समान जरूर दे देते हैं। हालांकि ये बंदर घर का दरवाजा खुला होने पर घर के भीतर तांडव जरुर मचाते हैं।