कवर्धा (नईदुनिया न्यूज)। अशोका पब्लिक स्कूल कवर्धा ने सीबीएसई से मान्यता प्राप्त कर ली है। वर्तमान में स्कूल में आफलाइन एवं आनलाइन दोनों मोड में कक्षांए संचालित हैं। वाहन सुविधा भी प्रारंभ कर दी गई हैं। अशोका पब्लिक स्कूल, कालेज एवं आइटीआइ कवर्धा के संस्थापक पवन देवांगन एवं उनकी पत्नी सारिका देवांगन ने बताया कि बधाों की बेहतर शिक्षा हेतु वे लगातार प्रयासरत हैं। बधाों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्रदान करने हेतु अशोका स्कूल को एमआइएस दिल्ली से संबद्ध किया है। इसके माध्यम से कवर्धा के बधाों को अमेरिका, जपान एवं यूरोप से ग्लोबल शिक्षा प्राप्त हो रही है। एमआइएस, दिल्ली ने बधाों की बेहतर शिक्षा के लिए एक अद्वितीय मुनि एजुकेशन माडल की स्थापना की है, जिसे देश के साथ साथ विदेश के भी 4000 से ज्यादा शासकीय एवं अशासकीय स्कूलों में अपनाया गया है।
मुनि शिक्षण पद्धति
मुनि शिक्षण पद्धति के अनुसार शिक्षा का अर्थ है जीने के लिए ज्ञान, ज्ञान जिससे जीवन उत्सव पूर्वक जिया जा सके। शिक्षा का मुख्य उद्देश्य है कि हम शिक्षित हो कर स्वस्थ्य रह सके, समृद्घि पूर्वक जीवन जी सकें, संबंधों में तृप्ति पा सकें एवं व्यवस्था में भागीदार हो सकें। शिक्षित व्यक्ति में स्वयं के प्रति विश्वास हो, श्रेष्ठता के प्रति सम्मान हो, प्रतिभा एवं व्यक्तित्व में संतुलन हो, व्यवहार में समाजिकता हो। यह समझ बधाों को मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक, आध्यात्मिक और सामाजिक स्तरों पर उसकी अधिकतम क्षमता तक बढ़ने में मदद करता है, जिससे समग्र विकास प्राप्त होता है जो उन्हें स्वतंत्र और जागरूक नागरिकों के रूप में ढालेगा जो सामाज व देश के विकास में योगदान कर सकते हैं। मुनि शिक्षा माडल बधो को निकट भविष्य के लिए पर्याप्त रूप से तैयार करने की सुविधा प्रदान करता है। अशोका के बधो पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में भी आगे हैं। बधाो ने राज्य स्तरीय एवं राष्ट्रीय क्रिड़ा प्रतियोगिता में कवर्धा का नाम रोशन किया है। स्कूल में कक्षा 6 वी से प्रतियोगी परीक्षाओं मेडिकल एवं इंजीनीयरिंग के साथ साथ सिविल सर्विसेस परीक्षाओं की तैयारी कराने की योजना है। जिसके लिए कोटा राजस्थान के प्रसिद्घ कोचिंग संस्थान से तथा बधाों को शिक्षा के साथ संस्कार प्रदान करने हेतु श्री श्री रविशंकर जी के संस्थान श्री श्री बाल संस्कार केंद्र बैंगलोर से टाईअप किया गया है।