कवर्धा (नईदुनिया न्यूज)। श्री खेड़ापति हनुमान मंदिर में गुरुवार को ग्रंथि पूजन कार्यक्रम हुआ। मंदिर में दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा। सुबह से ही मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं ने पीले धागे में 13 गांठ बांधकर ग्रंथि पूजन किया फिर उस धागे को धारण किया। ग्रंथि पूजन का कार्य सुबह से शुरू हो गया था, जो देर रात तक चलता रहा।
सिद्घपीठ खेड़ापति हनुमान मंदिर में अगहन कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान मारूतीनंदन हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है। पुराणों में भी इस दिन का खास महत्व है। यही कारण है कि मंदिर में पिछले कई वर्षों से ग्रंथि पूजन का आयोजन किया जाता है। इस दिन श्रद्धालु मंदिर पहुंचकर विधि-विधान से मारूतीनंदन की पूजा करते हैं। इसके पश्चात पीले धागे में मंत्रोधाार के साथ 13 गांठ बांधते हैं। गांठ बांधने के पश्चात पूजा की जाती है और इसे परिवार सहित धारण किया जाता है।
सुबह से ही पूजा पाठ का सिलसिला शुरू
मंदिर प्रांगण में सुबह से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे और पूजा-पाठ का सिलसिला शुरू हो गया। सुबह भगवान को स्नान कराकर वैदिक मंत्रोधाारण के साथ-साथ श्रृंगार एवं आरती किया गया। पुरुषों के साथ-साथ काफी संख्या में महिलाओं ने भी व्रत रखकर हनुमान वेदी स्थापना व सविधि से पूजन कर मालपुवा का विशेष भोग अर्पण किया। इसके पश्चात पीला धागा में मंत्र पढ़ते हुए 13 गांठ लगाकर ग्रंथि का पूजन कर हनुमान जी में चढ़ाया गया। मंदिर के पुजारी पंडित चंद्रकिरण तिवारी ने बताया कि इस दिन का विशेष महत्व रहता है। इसका प्रमाण पुराणों में बताया गया है। संकट निवारण व मनोकामना सिद्वी के लिए पीला धागा युक्त डोरे धारण करने से कष्टों का निवारण हनुमान जी द्वारा कर लिया जाता है।
परिवार सहित पहुंचे श्रद्धालु
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी खेड़ापति हनुमान मंदिर में विशेष पूजा पाठ किया गया। सुबह से ही समूचे क्षेत्र से बड़ी संख्या में श्रद्धालु परिवार सहित मंदिर पहुंचे। शहर के साथ-साथ आसपास के ग्रामीण अंचल से भी लोग मंदिर पहुंचकर ग्रंथि पूजन कर पीला धागा धारण किया। पूजा पाठ में बच्चों से लेकर महिलाओं व बुजुर्गों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया तथा मनोवांछित फल की कामना की।