फरसगांव। साल में एक बार खुलने वाला आलोर झाटीबन की पहाड़ी गुफा स्थित मां लिंगेश्वरी मंदिर इस साल 7 सितंबर को खुलेगा। जिसका निर्णय मंदिर सेवा समिति के सदस्यों ने बैठक कर लिया।
बता दें कि देवताओं की धार्मिक आस्था के लिए पूरे विश्व में प्रख्यात बस्तर की खूबसूरत वादियों में शिवलिंग के अवतार में माता लिंगेश्वरी ग्राम झाटीबन आलोर के पहाड़ों के बीच एक गुफा में विराजमान हैं। जहां हर वर्ष हजारों की संख्या में भक्त अलग-अलग राज्यों से मन्नात की कामना लिए दर्शन करने आते हैं। अधिकांश निःसंतान दंपती संतान की प्राप्ति के लिए माता के दर्शन करने आते हैं। पिछले दो साल कोरोना काल के चलते गुफा के द्वार खोला गया था। लेकिन दर्शनार्थियों को माता के दर्शन नहीं कराया गया। लेकिन इस बार श्रद्धालुओं के लिए मंदिर का गुफा सात सितंबर बुधवार को खोला जाएगा। मंदिर में भक्तों का प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है। श्रद्धालुओं को मंदिर के बाहर से ही माता के दर्शन करने होंगे। श्रद्धालुओं को माता लिंगेश्वरी मेला का इंतजार रहता है। छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु अपनी मनोकामना लिए माता के दर्शन को पहुंचते हैं। लिंगेश्वरी मंदिर सेवा समिति के सदस्यों ने आने वाले सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए मास्क का उपयोग करेंगे और जो श्रद्धालुओं मंदिर तक नहीं आ पा रहे हैं वे लोग घर से ही माता से प्रार्थना कर मन्नात मांग सकते हैं। ज्ञात हो कि यह मंदिर लोगों की आस्था का केंध है, जिसके चलते दर्शन के लिए काफी भीड़ लगती है।
बैठक के दौरान मंदिर सेवा समिति के अध्यक्ष अंकालू राम मरकाम, उपाध्यक्ष बंसीलाल दीवान, सचिव दुकार सिंह नेताम, सदस्य फुलदास मरकाम, नंदलाल दीवान, झाटीबन सरपंच मानसिंह कोर्राम, आलोर सरपंच सुखराम कोर्राम, विष्णु मरकाम, लखमू नेताम, पिलचंद मरकाम, विश्वनाथ मरकाम, जयलु मरकाम सहित अन्य लोग मौजूद रहे।