कोरबा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। न्यू कुसमुंडा में कोयला लदान की रफ्तार बढ़ाने लांच किए गए मेगा प्रोजेक्ट में गड़बड़ियों का सिलसिला लगातार जारी है। अब यहां साइलो के ठीक सामने यार्ड की रेल लाइन में पटरी के नीचे की जमीन ही खसक गई। इन पटरियों को बिछाए वैसे तो करीब दो साल गुजर गए, पर मालगाड़ियों का परिचालन हाल ही में शुरू किया गया। परिचालन शुरू होने के बाद ही पहली बारिश ही यार्ड निर्माण में हुई लापरवाहियों की पोल खुलने लगी है। एक दिन पहले हुई मुसलाधार बारिश के असर से साइलो के पहले के यार्ड में एक लाइन की पटरी के नीचे की मिट्टी बह गई और पटरियां हवा में लटक गईं। सुधार कार्य शुरू कर दिया गया है।
कुसमुंडा के मेगा प्रोजेक्ट में कोयला लदान की कार्रवाई को त्वरित व तेज बनाने स्थापित किए गए साइलो को एक पूरे यार्ड की तरह बनाया गया है। इसमें करीब एक दर्जन रेल लाइनें हैं, जिसमें से डीजल इंजन सभी में जाता है पर इलेक्ट्रिक इंजन के लिए वर्तमान में तीन या चार लाइन का ही प्रयोग किया जा रहा है। यहां पर इसके निर्माण से पहले ओवर बर्डन और उसमें विकसित किए गए वन थे। इस स्थान पर विकसित कर यार्ड को निर्माण किया गया है। इस यार्ड को कोरबा से डाउन में गेवरा की ओर जाने वाली लाइन से जोड़ा गया है। उस लाइन को जोड़कर पावर सुविधा से लैस किया गया है, ताकि इलेक्ट्रिक इंजन जा सके। इस मेगा प्रोजेक्ट के तहत शुरू किए गए साइलो कोयला लदान के लिए आने व जाने वाली मालगाड़ियों के प्रवेश व निकासी के दोनों तरफ यार्ड बनाए गए हैं। इनमें साइलो के ठीक पहले के यार्ड में बने लाइन नंबर-8 में पटरियों के नीचे का आधार कटकर बारिश के पानी में बह गया। रविवार को सुबह नुकसान का आंकलन कर सुधार एवं मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया है। ट्रेन को रेडी करना होता है, बारिश-धूप के लिए शेड, पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था, बैठने की जगह और चलने के लिए पाथ-वे जैसी सुविधाएं भी लोडिंग प्वाइंट पर होनी चाहिए, ताकि वहां काम कर रहे कर्मियों के लिए काम आए। पर इन सब मानवीय जरूरतों को यहां दरकिनार किया जा रहा है।
अर्थ राड में फंस टूटा था जोन टीम के स्पाइक का पेंटो
कुछ दिन पहले ही जोन स्तर के आपरेटिेग विभाग के रेल अधिकारियों की टीम यहां निरीक्षण करने पहुंची थी। इलेक्ट्रिक लाइन चार्ज करने के अवसर पर सीएफटीएम की यह टीम यहां पहुंची थी। अधिकारियों की टीम अपने विशेष निरीक्षण यान स्पाइक में न्यू कुसमुंडा साइलो के यार्ड में पहुंचे थे। उस दौरान अधिकारियों के स्पाइक का पैंटो ही टूट गया था। इस तरह के कार्य के दौरान कंपनी की ओर से पर्यवेक्षक की मौजूदगी होनी चाहिए। संबंधित स्टेशन मास्टर को सूचित कर कार्य किया जाना चाहिए। डेड वाली इलेक्ट्रिक लाइन में भी अर्थ राड लटकाई जाती है, जो इलेक्ट्रिक को ओएचई तार से लेकर ग्राउंड करने काम आता है। उसी अर्थ राड में फंसकर पेंटो टूट गया था।
लगातार हो रही घटनाएं, सुरक्षा नियम दरकिनार
न्यू कुसमुंडा में मेगा प्रोजेक्ट के रूप में स्थापित साइलो में कोयला लदान में जल्द से जल्द टारगेट में विस्तार देने की हड़बड़ी में सुरक्षा समेत अनेक जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने की बजाय लगातार नजरंदाज किया जा रहा है। इससे पहले भी कई घटनाएं यहां लगातार हो रही हैं। नियमानुसार काम के समय संबंधित कंपनी के सुपरवाइजर को खुद मौजूद रहते हुए निगरानी करनी चाहिए। रेलवे के अधिकारियों को भी उन कार्यों की गुणवत्ता पर नजर रखनी चाहिए, ताकि किसी भी स्थिति में सुरक्षा को लेकर कोई समझौता न हो। इन घटनाओं से ऐसा तो नहीं लग रहा है।
लक्ष्य को बढ़ाने के फेर में गुणवत्ता की अनदेखी
किसी स्थान पर पटरियां बिछाने के लिए पहले मिट्टी बिछाते हैं और उसे एक-दो बारिश में अच्छे से बैठ जाने व मजबूत आधार बनने के लिए छोड़ दिया जाता है। उसके ऊपर फिर गिट्टी बिछाई जाती है और तब जाकर उस मजबूत आधार पर पटरियां बिछाई जाती हैं। इन सब प्रक्रिया को पूर्ण किया गया या वर्तमान में इससे आधुनिक विधि अपनाई गइ तो उसके बाद भी इस तरह मिट्टी बह जाना किसकी लापरवाही है, यह तो संबंधित विभाग ही बता सकेगा। जानकारों का कहना है कि लदान की गति और लक्ष्य को अधिक से अधिक व जल्द विस्तार देने सुरक्षा मापकों को अनदेखी की जा रही।