कोरबा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। जिले में संचालित आत्मानंद के छह स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 2280 थी। प्रत्येक कक्षा में 10 सीट बढ़ने से 720 बच्चे बढ़ जाएगा। इस तरह अब 3000 बच्चों की पढ़ाई इन स्कूलों में होगी। शासन ने सीट तो बढ़ा दी गई है लेकिन स्कूलों में बैठने की व्यवस्था नहीं है। सीबीएसई माध्यम स्कूलों में 30 फीसद हिंदी शिक्षकों के भरोसे है। सीबीएसई कक्षा की सत्र शुरू होने के पहले स्कूलों में संसाधन दुरुस्त नहीं है, ऐसे में अंग्रेजी माध्यम स्कूल का संचालन शिक्षा विभाग के लिए चुनौती बनी है।
केंद्रीय शिक्षा बोर्ड से छात्र-छात्राओं को जोड़ने के लिए शासन ने जिले में छह आत्मानंद स्कूलों की स्वीकृति दी है। जिन स्थानों में स्कूलों का संचालन हो रहा है उनमें शहर के पंप हाउस स्कूल के अलावा पोड़ी-उपरोड़ा, हरदी बाजार, पाली, कटघोरा और करतला शामिल है। स्कूलों के लिए नए भवन तैयार नहीं किए गए है। पुराने भवनों में ही कक्षाएं चलाई जा रही हैं। कक्षाएं 40 बच्चों की बैठक के अनुरूप तैयार किया गया है। 10 अतिरिक्त बच्चों को बैठाने में समस्या होगी। कक्षा को दो विभागों में बांटने पर अतिरिक्त शिक्षकों की जरूरत होगी। विभाग में पहले से शिक्षकों की कमी है, आत्मानंद स्कूल में हिंदी माध्यम शिक्षकों को उत्तरदायित्व दिए जाने से स्कूलों की पढ़ाई बाधित होगी। शिक्षा के अधिकार नियम के अनुसार प्रत्येक 30 बच्चों के लिए एक शिक्षक का होना अनिवार्य है। इसी तरह मिडिल स्कलू में प्रत्येक 35 बच्चों पर एक शिक्षक आवश्यकता है। कक्षा में बच्चों की अनुपातिक दृष्टि से स्कूलों में 30 फीसद शिक्षकों की भर्ती अब भी अधूरी है। सीबीएसई माध्यम से शिक्षक नहीं मिलने से स्कूलों में हिंदी माध्यम के शिक्षकों से बीते सत्र पढ़ाई कराई गई थी। सीबीएसई के सभी कक्षाओं में 10-10 सीट बढ़ते ही अभिभावकों में दाखिले के लिए होड़ शुरू हो गई है। आनलाइन आवेदन की अंतिम तथि 30 अप्रैल है।
नर्सरी के लिए नहीं खुली पोर्टल
राज्य शासन ने नए सत्र से नर्सरी कक्षा शुरू करने का भी निर्णय लिया है। इस कक्षा में चार से पांच वर्ष के बीच के बच्चों को दाखिला लिया जाना है। जिला शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। जिसमे तहत आंगनबाड़ी में इस आयु वर्ग के बच्चों की जानकारी मांगी गई है। बहरहाल पहली कक्षा के लिए पोर्टल शुरू हो चुकी है, ऐसे में इस वर्ष नर्सरी कक्षा की शुरूआत की संभावना कम ही नजर आ रही है।
हिंदी माध्यम स्कूल की होगी शुरूआत
सीबीएसई के अंग्रेजी के अलावा हिंदी माध्यम की स्कूल संचालित करने का निर्णय शासन ने लिया है। शहर एनसीडीसी स्कूल से इसकी शुरूआत इसी साल से शुरू हो जाएगी। बताना होगा कि अभी तक सीबीएसई के हिंदी माध्यम कक्षाएं पोड़ी के एकलव्य स्कूल में संचालित होगी। एनसीडीसी जिले का दूसरा हिंदी माध्यम स्कूल होगा। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। शासन से अनुमति का इंतजार है।
दीपका और बालको स्कूल को नहीं मिली अनुमति
स्वामी आत्मनंद स्कूल का उद्देश्य केवल केंद्रीय बोर्ड की शिक्षा को बढ़ावा देना नही बल्कि निजी स्कूलों क मनमानी फीस को रोकना भी है। इसके लिए दीपका और बालकों में भी स्कूल की मांग की गई थी। हरदीबाजार और कोरबा में स्कूल को स्वीकृति पहले से मिल चुकी है। 10 किलोमीटर का अंतराल होने के कारण दोनों स्थानों के लिए शासन ने अनुमति नहीं दी है।
फैक्ट फाइल
6 - संचालित स्वामी आत्मानंद स्कूल
2280- वर्तमान में बच्चों की दाखिल संख्या
40- प्रत्येक कक्षा की सीट संख्या
10- प्रत्येक कक्षा में अतिरक्त सीट की अनुमति
720- बच्चों की बढ़ेगी संख्या
स्वामी आत्मानंद स्कूल में 40 बच्चों की बैठक व्यवस्था के अनुरूप कक्षाएं हैं। 10 अतिरिक्त बच्चों के दाखिले से उसी कक्षा में समायोजित किया जाएगा। आगे शासन से जैसी गाइडलाइन आएगी उसी के अनुसार बैठक व्यवस्था की जाएगी। शिक्षकों भर्ती के संबंध में जिला प्रशासन की गठित टीम की ओर से निर्णय लिया जाएगा।
जीपी भारद्वाज, जिला शिक्षा अधिकारी